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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को रिश्वत देने की कोशिश, आरोपी शिक्षक गिरफ्तार

शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को रिश्वत देने की कोशिश, आरोपी शिक्षक गिरफ्तार
 
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को रिश्वत देने की कोशिश, आरोपी शिक्षक गिरफ्तार

राजस्थान की राजनीति और शिक्षा जगत उस समय स्तब्ध रह गया जब राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही रिश्वत देने की कोशिश की गई। यह चौंकाने वाली घटना जनसुनवाई के दौरान सामने आई, जब बांसवाड़ा जिले के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक ने मंत्री के सामने ही 5 हजार रुपए की रिश्वत देने का प्रयास किया।

घटना सोमवार को उस वक्त हुई जब शिक्षा मंत्री मदन दिलावर प्रेस वार्ता के दौरान आम जनता की समस्याएं सुन रहे थे। तभी बांसवाड़ा जिले के गुड़ा गांव के सरकारी स्कूल में कार्यरत शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव वहां पहुंचा और मंत्री को एक पत्र सौंपा। पत्र में उसने आग्रह किया था कि उसकी लिखी गई पुस्तक को RSCERT (राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद) के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

पत्र सौंपने के तुरंत बाद ही चंद्रकांत वैष्णव ने मंत्री की टेबल पर 5 हजार रुपये नकद रख दिए। यह दृश्य वहां मौजूद लोगों को हैरान कर गया। शिक्षा मंत्री ने तत्काल सुरक्षा कर्मियों को बुलाया और शिक्षक को पकड़वा दिया। पुलिस ने मौके पर ही आरोपी शिक्षक को हिरासत में ले लिया और पूछताछ शुरू कर दी है।

शिक्षा मंत्री ने जताई सख्त नाराजगी

इस पूरे घटनाक्रम के बाद मंत्री मदन दिलावर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि "सरकार पारदर्शिता और ईमानदारी के सिद्धांतों पर काम कर रही है। इस तरह की हरकतें न केवल प्रशासनिक प्रणाली को बदनाम करती हैं, बल्कि शिक्षा जैसे पवित्र क्षेत्र को भी कलंकित करती हैं।"

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी सिफारिश या दबाव में आकर पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग पूरी तरह से शैक्षिक गुणवत्ता और विशेषज्ञों की राय के आधार पर ही निर्णय लेता है।

पुलिस कर रही है पूछताछ

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल आरोपी से पूछताछ की जा रही है कि उसने यह कदम क्यों उठाया और क्या उसके पीछे किसी और की भूमिका भी है। प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आरोपी शिक्षक चाहता था कि उसकी पुस्तक सरकारी पाठ्यक्रम में शामिल हो जाए जिससे उसकी प्रतिष्ठा और आर्थिक लाभ दोनों बढ़ सकें।

नजीर बनेगा यह मामला

शिक्षा विभाग और पुलिस अधिकारी इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। यह घटना ना केवल एक शिक्षण कर्मचारी द्वारा की गई अनैतिक कोशिश को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सरकार ऐसे मामलों में कोई नरमी नहीं बरतेगी।

राज्य सरकार की ओर से यह संदेश स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग में पारदर्शिता से समझौता नहीं किया जाएगा और भ्रष्टाचार के किसी भी प्रयास पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना आने वाले समय में रिश्वतखोरी के खिलाफ एक मिसाल के तौर पर देखी जाएगी।