भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, विधायिकी रद्द और सरेंडर के आदेश पर लगाईं रोक

राजस्थान के बारां-अंता विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक कंवरलाल मीना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राजकार्य में बाधा डालने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी और तुरंत सरेंडर करने के आदेश दिए थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट से राहत
हाईकोर्ट के आदेश के बाद कंवरलाल मीना ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। कोर्ट ने एसडीएम पर रिवॉल्वर तानने के मामले में अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीना को 3 साल की सजा सुनाई थी। उन्होंने सजा से राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सतीश शर्मा की सिंगल बेंच ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। अब मीना को फिलहाल सरेंडर नहीं करना पड़ेगा।
क्या था मामला?
दरअसल, विधायक कंवरलाल मीना पर 3 फरवरी 2005 को अकलेरा के तत्कालीन एसडीएम रामनिवास मेहता को उपसरपंच का पुनर्मतदान करवाने के लिए धमकाने का आरोप था। उस समय मीना अपने सात साथियों के साथ मौके पर पहुंचा और एसडीएम के सिर पर रिवॉल्वर तान दी। जान से मारने की धमकी भी दी और मौके पर बनाई गई वीडियोग्राफी कैसेट को तोड़कर जला दिया। इसके अलावा आईएएस अधिकारी डॉ. प्रीतम बी. यशवंत के हाथ से कैमरा भी छीन लिया।
अपीलीय कोर्ट ने भी दी थी निराशा
इस मामले में निचली अदालत ने मीना को विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाते हुए सजा सुनाई थी। अपीलीय कोर्ट ने भी 14 दिसंबर 2020 को इस सजा को बरकरार रखा था। इसके बाद मीना ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की, लेकिन वहां भी उसकी याचिका खारिज कर दी गई और उसे सरेंडर करने के आदेश दिए गए।
जयपुर हाईकोर्ट में दायर की थी समीक्षा याचिका
अपीलीय आदेश के खिलाफ कंवरलाल मीना ने जयपुर हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका (ऐसी याचिका जो किसी कोर्ट के फैसले की समीक्षा या बदलाव के लिए दायर की जाती है) दायर की थी। जिसमें हाईकोर्ट के न्यायाधीश उमाशंकर व्यास के जरिए अधीनस्थ न्यायालय द्वारा 1 मई 2025 को जारी सजा को बरकरार रखा गया। साथ ही विधायक कंवरलाल मीना को सरेंडर करने या नहीं करने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया गया। हाईकोर्ट ने कंवरलाल मीना को इसकी मियाद पूरी करने के लिए 30 दिन का समय दिया था।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई
इसके बाद 1 मई 2025 को विधायक कंवरलाल मीना ने जयपुर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। इस याचिका पर आज (सोमवार) सुनवाई करते हुए विधायक कंवरलाल मीना को राहत दी गई।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
याचिका पर राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है। इसके बाद विधायक कंवरलाल मीना को फिलहाल सरेंडर नहीं करना पड़ेगा। जस्टिस सतीश शर्मा की एकलपीठ ने विधायक कंवरलाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई की और आदेश जारी किया। इस मामले में कंवरलाल मीना की ओर से क्रिमिनल एक्सपर्ट एडवोकेट नमित सक्सेना मौजूद रहे।