जयपुर के प्राइवेट स्कूलों में अचानक निरिक्षण से मचा हड़कंप! फीस और आरटीई चयनितों की सूची न मिलने स्कूलों को थमाए नोटिस

स्कूलों में नया सत्र शुरू होते ही निजी स्कूलों की मनमानी शुरू हो गई है। शिकायतों की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने सोमवार को अधिकारियों को फील्ड में भेजा। अधिकारियों ने निजी स्कूलों में जाकर जांच की तो मनमानी का सच सामने आया। स्कूलों ने फीस निर्धारण समिति के प्रस्ताव के बिना ही फीस बढ़ा दी और स्कूलों के पास आरटीई के चयनित बच्चों की सूची भी नहीं थी।
स्कूलों को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा
इसके अलावा स्कूलों ने अभिभावकों पर ड्रेस और किताबें निर्धारित दुकान से ही खरीदने का दबाव बनाया। अधिकारियों ने स्कूलों में जाकर अभिभावकों और बच्चों से बात की तो सच्चाई सामने आ गई। जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक जगदीश नारायण मीना के नेतृत्व में शहर के स्कूलों का निरीक्षण किया गया। ऐसे स्कूलों को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा गया है।
आरटीई के तहत प्रवेश नहीं दे रहे
लॉटरी में चयन होने के बाद भी निजी स्कूल नर्सरी कक्षा के पात्र बच्चों को आरटीई के तहत प्रवेश नहीं दे रहे हैं। उन्हें फीस भरने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पूरे राजस्थान की बात करें तो आरटीई के तहत करीब तीन लाख प्रवेश हो रहे हैं। इनमें करीब डेढ़ लाख विद्यार्थी नर्सरी कक्षा में हैं। जयपुर में नर्सरी कक्षा में 20 हजार से अधिक प्रवेश होने हैं। लेकिन स्कूल मनमानी कर रहे हैं।
बड़े स्कूलों के साथ पक्षपात क्यों?
विभाग ने शहर के स्कूलों का निरीक्षण करवाया। लेकिन शिक्षा अधिकारियों ने बड़े स्कूलों का निरीक्षण नहीं किया। ज्यादातर ऐसे स्कूलों का निरीक्षण किया गया जो छोटे हैं। वहीं शहर के बड़े स्कूल मनमानी कर रहे हैं। बिना किसी नियम-कानून के फीस बढ़ाई जा रही है। संयुक्त अभिभावक संघ ने आरोप लगाया कि अगर बड़े स्कूलों की जांच की जाए तो बड़ी खामियां सामने आएंगी।