स्पाई कैमरों और ब्लूटूथ से सरकारी नौकरी की जुगाड़, फुटेज में जानें SOG ने पकड़े चार कर्मचारी, पेपर लीक सरगना से 3 से 5 लाख में किया था सौदा
राजस्थान में सरकारी भर्ती एग्जाम में स्कैम एक बार फिर सामने आया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके नकल करके सरकारी नौकरी पाने वाले चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने पेपर लीक गैंग की मदद से जूनियर क्लर्क (ग्रेड-II) भर्ती एग्जाम में नकल की थी। रविवार को चारों को कोर्ट में पेश किया गया और 10 दिसंबर तक रिमांड पर भेज दिया गया। गैंग के और सदस्यों का पता लगाने के लिए उनसे पूछताछ जारी है।
SOG अधिकारियों के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी युवक सरकारी डिपार्टमेंट में काम करते हैं। उन्होंने नौकरी पाने के लिए पेपर लीक गैंग से संपर्क किया था। गैंग ने हर कैंडिडेट से 3 से 5 लाख रुपये की भारी फिरौती मांगी थी। हैरानी की बात यह है कि गैंग ने नकल को आसान बनाने के लिए स्पेन से हाई-टेक स्पाई कैमरे मंगाए थे। कैंडिडेट एग्जाम की लाइव इमेज दिखाने के लिए एग्जाम सेंटर पर ये कैमरे पहनते थे।
जांच में पता चला है कि पेपर लीक गैंग के दो सदस्य भी कैंडिडेट के तौर पर एग्जाम में शामिल हुए थे। उन्हें स्पाई कैमरे दिए गए थे, जिनसे वे क्वेश्चन पेपर के स्क्रीनशॉट लेकर तुरंत गैंग लीडर को भेज सकते थे। इसके बाद गैंग के लीडर ने सवाल हल करने के लिए अपनी एक्सपर्ट टीम को बुलाया और ब्लूटूथ डिवाइस का इस्तेमाल करके कैंडिडेट्स तक जवाब पहुंचाए गए। इस तरह ये चारों सरकारी कर्मचारी इस एग्जाम में सफल हुए।
SOG सूत्रों के मुताबिक, यह पूरा नेटवर्क काफी समय से एक्टिव था और इसने कई रिक्रूटमेंट एग्जाम को टारगेट किया था। हर एग्जाम में नकल कराने के लिए एक अलग टीम बनाई गई थी। गैंग ने जो गैजेट खरीदे थे, वे इतने सोफिस्टिकेटेड थे कि रेगुलर चेकिंग के दौरान उन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल था। इससे साफ पता चलता है कि गैंग के पास न सिर्फ पैसे की कमी थी, बल्कि उनके पास हाई लेवल की टेक्निकल नॉलेज भी थी।
इस खुलासे के बाद, रिक्रूटमेंट एग्जाम के सिक्योरिटी इंतज़ाम एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गए हैं। राज्य में बार-बार पेपर लीक और नकल के मामलों से लाखों बेरोज़गार युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ रहा है। एग्जाम की क्रेडिबिलिटी पर भी बुरा असर पड़ा है। कैंडिडेट्स का कहना है कि पैसे और टेक्नोलॉजी से कोई भी सरकारी नौकरी पा सकता है, लेकिन ईमानदारी से काम करने वालों के साथ गलत बर्ताव किया जा रहा है।
स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) अब इस बात की जांच कर रहा है कि पेपर लीक के मास्टरमाइंड का नेटवर्क दूसरे राज्यों में भी एक्टिव है या नहीं। उसे यह भी शक है कि कई और कैंडिडेट भी हैं जिन्हें पिछली परीक्षाओं से फ़ायदा हुआ है। एजेंसी ने इशारा किया है कि आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
राज्य सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए पहले ही कड़े कानून लागू कर दिए हैं। हालांकि, ऐसी घटनाएं होती रहना साफ़ दिखाता है कि सिस्टम में अभी भी कई कमज़ोर कड़ियां हैं जिन्हें मज़बूत करने की ज़रूरत है। SOG टीम अभी गैंग के टेक्निकल सपोर्ट, फंडिंग और नेटवर्क के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रही है। जांच आगे बढ़ने पर और भी कई चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।
