राजस्थान में वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण, वीडियो में जानें 16 लाख 46 हजार वोटर्स का नाम कटने का खतरा
राजस्थान में आगामी चुनाव को लेकर मतदाता सूची (वोटर लिस्ट) को अपडेट करने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत 97 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं को किसी भी दस्तावेज़ की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि इन वोटरों की मैपिंग का कार्य पहले ही पूरा हो चुका है। केवल शेष 3 प्रतिशत मतदाताओं को ही आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने होंगे।
राजस्थान निर्वाचन विभाग के अनुसार, यह प्रक्रिया मतदाता सूची को और अधिक सटीक और विश्वसनीय बनाने के लिए लागू की जा रही है। बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) 11 दिसंबर तक घर-घर जाकर गणना फॉर्म वितरित करेंगे। यह कदम सुनिश्चित करेगा कि दस्तावेज़ जमा करने वाले वोटरों की संख्या और भी कम हो सकती है।
वर्तमान में प्रदेश में कुल 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 570 मतदाता पंजीकृत हैं। इनमें से केवल 16 लाख 46 हजार मतदाताओं को दस्तावेज़ जमा करवाने की आवश्यकता होगी। निर्वाचन विभाग इन मतदाताओं को व्यक्तिगत नोटिस जारी करेगा, जिससे उन्हें दस्तावेज़ जमा करने की सूचना मिल सके।
निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट किया है कि यदि नोटिस प्राप्त मतदाता निर्धारित समय के भीतर आवश्यक दस्तावेज़ जमा नहीं करते हैं, तो उनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए जाएंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मतदाता सूची में केवल वैध और अपडेटेड मतदाताओं के नाम शामिल हों।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का उद्देश्य मतदाता सूची में किसी भी प्रकार की त्रुटि या डुप्लीकेट प्रविष्टियों को समाप्त करना है। इस प्रक्रिया के तहत मतदाताओं की पहचान, पते और अन्य आवश्यक जानकारी की पुनः जांच की जाती है। विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि यदि उन्हें नोटिस प्राप्त होता है, तो वे समय रहते आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें ताकि उनका वोटर आईडी और नाम सूची में सुरक्षित रहे।
बीएलओ द्वारा घर-घर जाकर वितरण किए जाने वाले गणना फॉर्म में मतदाता की व्यक्तिगत जानकारी, पता और अन्य आवश्यक विवरण शामिल होंगे। यह फॉर्म मतदाता सूची को अपडेट करने और सुधार करने का एक महत्वपूर्ण उपकरण है। विभाग का मानना है कि इस अभियान के सफल संचालन से राजस्थान की मतदाता सूची और अधिक पारदर्शी और सटीक होगी।
विधानसभा और अन्य चुनावों की तैयारियों को देखते हुए यह कदम समय पर उठाया गया है। मतदाता सूची में सुधार न केवल चुनाव की पारदर्शिता बढ़ाएगा, बल्कि यह सुनिश्चित करेगा कि हर योग्य मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग कर सके।
इस अभियान से यह भी स्पष्ट होता है कि राजस्थान निर्वाचन विभाग डिजिटल और मैपिंग तकनीकों का उपयोग कर मतदाता सूची की गुणवत्ता और भरोसेमंदता में सुधार ला रहा है। आगामी दिनों में बीएलओ की घर-घर यात्रा और दस्तावेज़ जमा करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंतिम संख्या और भी कम हो सकती है, जिससे केवल वास्तविक और वैध मतदाता ही सूची में शामिल रहेंगे।
