पीटीआई भर्ती 2022 में फर्जी डिग्रियों के जरिए नौकरी पाने वालों के खिलाफ एसओजी की बड़ी कार्रवाई, 165 अभ्यर्थियों पर मामला दर्ज
राजस्थान में पीटीआई भर्ती 2022 के दौरान फर्जी डिग्रियों के माध्यम से नौकरी पाने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ एसओजी (विशेष अभियान समूह) ने बड़ी कार्रवाई की है। एसओजी ने 165 अभ्यर्थियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया है। इन अभ्यर्थियों पर आरोप है कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की जेएस यूनिवर्सिटी और एक अन्य निजी यूनिवर्सिटी से फर्जी डिग्रियां हासिल कर पीटीआई पद पर नौकरी पाई।
फर्जी डिग्री पर आधारित नौकरी का मामला
एसओजी ने जांच के दौरान पाया कि इन 165 अभ्यर्थियों ने पीटीआई भर्ती के दौरान नौकरी प्राप्त करने के लिए फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र और डिग्रियां प्रस्तुत की थीं। इन डिग्रियों की जांच के बाद पाया गया कि ये डिग्रियां प्रमाणित और वैध नहीं थीं, और इनका कोई आधिकारिक आधार नहीं था। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के जेएस यूनिवर्सिटी और एक अन्य निजी यूनिवर्सिटी की डिग्रियां इस मामले में संलिप्त पाई गईं।
जालौर जिले के 14 अभ्यर्थी शामिल
जालौर जिले के 14 अभ्यर्थी भी इस मामले में शामिल हैं। इन अभ्यर्थियों में से कई को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है, कुछ की नियुक्तियां फिलहाल रोक दी गई हैं, जबकि कुछ को अभी तक पोस्टिंग नहीं मिली है। एसओजी की कार्रवाई के बाद इन सभी अभ्यर्थियों पर जांच की जा रही है और आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
एसओजी की जांच और कार्रवाई
एसओजी ने इन फर्जी डिग्रियों के जरिए भर्ती प्रक्रिया में धांधली करने के आरोपियों को पकड़ने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। अब तक कई अभ्यर्थियों के खिलाफ जांच की जा चुकी है और कुछ को गिरफ्तार भी किया गया है। एसओजी के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा और उन्हें कड़ी सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।
नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए चेतावनी
इस कार्रवाई के बाद एसओजी ने सभी नौकरी के इच्छुक अभ्यर्थियों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी परिस्थिति में फर्जी दस्तावेजों का सहारा न लें। सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन करते समय शैक्षिक प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों की सच्चाई का पूरी तरह से सत्यापन किया जाएगा। इस तरह के मामलों में पकड़े जाने पर कानूनी कार्रवाई से बचना मुश्किल हो सकता है।
प्रशासन का सख्त कदम
राजस्थान सरकार और पुलिस प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। सरकारी विभागों में पारदर्शिता और ईमानदारी से भर्ती प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाएगा। इससे यह संदेश भी दिया जा रहा है कि राज्य में नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह की धांधली और भ्रष्टाचार को सहन नहीं किया जाएगा।
