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राजस्थान एसआई पेपर लीक मामले में SOG टीम ने 5 ट्रेनी थानेदार को दबोचा, पूछताछ जारी

 
राजस्थान एसआई पेपर लीक मामले में SOG टीम ने 5 ट्रेनी थानेदार को दबोचा, पूछताछ जारी 
जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान में उपनिरीक्षक परीक्षा- 2021 के ढाई साल बाद एसओजी पेपर लीक मानते हुए प्रशिक्षु थानेदारों को गिरफ्तार कर रही है। इससे कहीं अधिक चौकाने वाला तथ्य यह है कि पेपरलीक की जानकारी ढाई साल पहले परीक्षा की पहली पारी में ही मिल गई थी। बीकानेर और पाली में परीक्षा केन्द्र और उसके बाहर से कई आरोपी पकड़े थे, जिनके मोबाइल में पेपर भी मिल गया था। इसके बाद भी न खुलासा किया और न ही पेपर को लीक माना। उलटा गुपचुप मामले में चार्जशीट पेश कर दी। इस चार्जशीट में उल्लेख है कि परीक्षा के दौरान कई मोबाइलों में मूल पेपर मिल गया, जो एक स्कूल के सचिव ने लीक किया था।

15 प्रशिक्षु थानेदार और हिरासत में

एसओजी ने राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) से मंगलवार को 15 प्रशिक्षु थानेदारों को और हिरासत में लिया है। एडीजी वी. के. सिंह ने बताया कि इनमें 2 महिला भी हैं। एसआई भर्ती 2021 में डमी अभ्यर्थी बैठाने व परीक्षा से पहले पेपर लेने के मामले में बड़ी संख्या में अन्य शिकायतें भी एसओजी को मिली थीं।

बीकानेर: स्कूल सचिव ने चुराया पेपर

आरपीएससी ने यह परीक्षा 13, 14 व 15 सितम्बर, 2021 को कराई थी। पहले दिन परीक्षा सुबह 10-12 बजे थी। इसी दौरान पुलिस ने बीकानेर की मुरलीधर व्यास कॉलोनी में पेपर लीक के सरगना दिनेश बेनीवाल सहित 6 जनों को पकड़ा था। बीकानेर पुलिस की दिसम्बर 2021 में कोर्ट में पेश चार्जशीट में बताया कि इनको पेपर राजाराम, विकास विश्नोई, नरेन्द्र खींचड़ व दिनेश सिंह चौहान ने उपलब्ध कराया था। दिनेश ने पेपर 15 लाख रुपए में बेचा था। पेपर बीकानेर की श्रीराम सहाय आदर्श सीनियर सैकंडरी स्कूल के सचिव दिनेश सिंह चौहान ने चुरा कर परीक्षा शुरू होने से पहले वाट्सऐप पर राजाराम को दिया था।

पाली : पेपर के साथ पकड़ा अभ्यर्थी

बीकानेर में चल रही इस कार्रवाई के दौरान ही एक अभ्यर्थी पाली में पकड़ा गया। 13 सितम्बर को ही पहली पारी में परीक्षार्थी राजेश बेनीवाल को सेंटर प्रभारी ने पकड़ा। तलाशी में उसके पास मोबाइल मिला, जिसमें पेपर के साथ प्रश्नों के क्रम से उत्तर भी मिल गए। उसके मोबाइल में एक नम्बर एक्जाम मास्टर के नाम से सेव था। जिससे उसे पेपर मिला था। पुलिस ने परीक्षा केन्द्र संचालक की सूचना के बाद बेनीवाल के सहयोगी नरेन्द्र खींचड़ को पकड़ा, जो बाहर एसयूवी कार में बैठा अन्य अभ्यर्थियों को पेपर हल करवा रहा था।