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एसओजी ने फर्जी डिग्री के दम पर सरकारी नौकरी करने वाली महिला अधिकारी को किया गिरफ्तार, फुटेज में समझें क्या है पुरा मामला?

एसओजी ने फर्जी डिग्री के दम पर सरकारी नौकरी करने वाली महिला अधिकारी को किया गिरफ्तार, फुटेज में समझें क्या है पुरा मामला?
 
एसओजी ने फर्जी डिग्री के दम पर सरकारी नौकरी करने वाली महिला अधिकारी को किया गिरफ्तार, फुटेज में समझें क्या है पुरा मामला?

जयपुर के मालवीय नगर जोन में तैनात असिस्टेंट फायर ऑफिसर सोबिया सैयद को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने गुरुवार देर शाम गिरफ्तार किया है। अधिकारी पर आरोप है कि उसने फेक डॉक्यूमेंट और गलत जानकारी के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की थी। यह मामला पिछले तीन साल से जारी था, जिसमें आरोपी असिस्टेंट फायर ऑफिसर के पद पर नौकरी कर रही थी।

एसओजी की जांच में यह पता चला कि सोबिया सैयद ने एक ही समय में दो अलग-अलग कॉलेजों से डिग्री और डिप्लोमा प्राप्त किए थे। यह अजीब बात है कि दोनों कॉलेजों के बीच लगभग 900 किलोमीटर की दूरी थी, जिससे साफ होता है कि उसने डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ की थी।

एसओजी टीम ने गिरफ्तार महिला अधिकारी से पूछताछ शुरू कर दी है। पूछताछ में अधिकारी ने अब तक अपने फर्जीवाड़े को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, एसओजी ने इस फर्जीवाड़े की पूरी जानकारी जुटा रही है और अन्य जुड़े दस्तावेजों की भी जांच कर रही है।

एडीजी (विशेष संगठन) विशाल बंसल ने बताया कि साल 2021 में आयोजित फायर भर्ती परीक्षा में सोबिया सैयद ने एक ही शैक्षणिक सत्र में प्राप्त की गई एक से अधिक डिग्री और डिप्लोमा का इस्तेमाल किया था। उन्होंने कहा कि आरोपी ने फर्जी डॉक्यूमेंट के सहारे परीक्षा में हिस्सा लिया और सरकारी नौकरी में तैनात हो गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे फर्जीवाड़े केवल नौकरी पाने तक ही सीमित नहीं रहते, बल्कि इससे सरकारी व्यवस्था और कर्मचारियों की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठते हैं। यह मामला एक चेतावनी के रूप में सामने आया है कि सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में शत-प्रतिशत सत्यापन आवश्यक है।

एसओजी का कहना है कि आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद अब उसकी शिक्षा और दस्तावेजों की सत्यता की गहन जांच की जा रही है। इसके साथ ही जांच यह भी देख रही है कि क्या किसी अन्य कर्मचारी या अधिकारियों ने इस फर्जीवाड़े में मदद की।

जयपुर पुलिस और एसओजी दोनों इस मामले में सक्रिय हैं और जल्द ही जांच के परिणाम सार्वजनिक किए जाने की संभावना है। अधिकारियों ने यह भी कहा है कि यदि सोबिया सैयद दोषी पाई जाती है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इस मामले ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता और सत्यापन की अहमियत को फिर से उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की जांच और गिरफ्तारी न केवल दोषियों को सजा दिलाती है, बल्कि अन्य कर्मचारियों और युवाओं को भी सही तरीके से सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रेरित करती है।

इस प्रकार, मालवीय नगर जोन में तैनात महिला अधिकारी की गिरफ्तारी ने सरकारी नौकरी में फर्जीवाड़े के खिलाफ प्रशासन की सख्त नीति को स्पष्ट किया है। एसओजी अब पूरे मामले की गहन जांच कर रही है और जांच के बाद इसके सभी पहलुओं को सार्वजनिक किया जाएगा।