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Jaipur अब तक 250 बसें और 1200 टैक्सी कारें आ चुकी, जाम में फंसे यात्री

 
Jaipur अब तक 250 बसें और 1200 टैक्सी कारें आ चुकी, जाम में फंसे यात्री

जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए रोज जयपुर से 30 से 40 बसें (छोटी-बड़ी बसें) जा रही है। इसके अलावा 150 से 200 टैक्सी कार से यात्री जा रहे हैं। पिछले साल के मुकाबले जयपुर शहर सहित आसपास के इलाकों से चारधाम जाने वाले यात्रियों की संख्या 30 प्रतिशत अधिक है। अक्षय तृतीया से अब तक जयपुर से 250 बसें व करीब 1200 टैक्सी कार उत्तराखंड पहुंच चुकी हैं। गंगोत्री-यमुनोत्री धामों पर रिकॉर्ड भीड़ होने से प्रशासनिक व्यवस्थाओं की पोल खुल गई है। सालों से यात्रा पर ले जा रहे ट्रैवल्स वालों का कहना है कि 10-15 साल पहले ज्यादातर यात्री 60 से 80 साल की उम्र के जाते थे, अब ट्रेंड बदल गया आैर 30 से 50 साल की उम्र के यात्री अधिक जा रहे हैं। अब बस के अलावा लोग टैक्सी या निजी कार लेकर भी उत्तराखंड पहुंच रहे है। इस वजह से सड़कों पर लंबा जाम लग रहा है। हरिद्वार से आगे बढ़ते ही बरकोट तक 45 किमी लंबा जाम में फंसना पड़ रहा है। जगदंबा यात्रा कंपनी के रमेशचंद शर्मा ने बताया कि पिछले 40 साल से चारधाम यात्रा पर बसों से श्रद्धालुओं को ले जा रहा हूं। पिछले साल 22 अप्रैल को ही केदारनाथ के कपाट खुल गए थे आैर इस बार 10 मई को खुले है। वहीं जुलाई-अगस्त में तो मौसम खराबी के डर से कोई यात्रा पर जाना नहीं चाहता। इस वजह से इस साल कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा पर जाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हो गई है। रोज जयपुर से कम से कम 30 से 40 बसें चारधाम के लिए जा रही है।

यात्रियों को इस तरह से होना पड़ रहा है परेशान

जयपुर के बस्सी तहसील के प्रेमपुरा निवासी श्रद्धालु डॉ.प्रभुनारायण शर्मा ने बताया कि ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन के लिए 7 घंटे से अधिक समय लग रहा है। यहां पर छाया-पानी की कोई व्यवस्था नहीं है। यहां से बस से यमुनोत्री पहुंच गए, लेकिन पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से 5 किमी अतिरिक्त पैदल चलना पड़ रहा है। यमुनोत्री मंदिर दर्शन के लिए लंबी-लंबी कतारें लगी हुई थी, प्रशासन की ओर से कोई बंदोबस्त नहीं थे। यमुनोत्री से गंगोत्री जाना होता है। यमुनोत्री से 125 किमी उत्तरकाशी पहुंचते है और फिर यहां से गंगोत्री तक 90 किमी जाने में ही ट्रैफिक जाम की वजह से 20 घंटे का समय लग रहा है। गंगोत्री मंदिर दर्शन के लिए 6 घंटे तक श्रद्धालुओं को लाइन में खड़ा रहना पड़ रहा है।

गंगोत्री से वाया उत्तरकाशी होते हुए केदारनाथ के लिए जाना होता है, जो करीब 200 किमी है। इस दौरान केदारनाथ से 100 किमी पहले से ही सड़क पर लंबा ट्रैफिक जाम लग रहा है। यात्रियों को 15 घंटे तक बसों में बैठे रहना पड़ रहा है। नीचे सीतापुर में बस पार्किंग करनी होती है, लेकिन जगह नहीं होने के कारण 5 घंटे इंतजार करना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन सत्यापन करवाने के लिए 2 घंटे लाइन में लगना पड़ रहा है। इसके बाद केदारनाथ दर्शन के लिए रास्ते में भीड़ लगी हुई है। आगरा रोड िनवासी पवन शर्मा 27 लोगों के दल के साथ गए हुए है। यह लोग 30 घंटे से केदारनाथ से 70 िकमी पहले बसों में ही फंसे हुए है। इन्होंने बस में ही रात गुजारी। ऐसे में परेशान होते रहे, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

20 से 24 घंटे जाम में फंसे यात्री

चार धाम यात्रा के लिए बसों से जाने वाले यात्रियों ने एडवांस में होटल तो बुक करवा लिए, लेकिन 20 से 24 घंटे तक जाम में फंसने के कारण बीच रास्ते में ही बस को खड़ी कर खुले में खाना बनाना पड़ रहा हैं। बस यात्रा कंपनी वालों का कहना है कि यात्रियों के विश्राम के लिए एडवांस में 5 से 8 हजार रुपए जमा करवाकर होटल बुक करवा रखे है, जाम में फंसने की वजह से होटल का पैसा देना पड़ रहा है आैर रास्ते में अलग से व्यवस्थाएं करनी पड़ रही है। अक्षय तृतीया से अब तक जयपुर से 250 बसें व 1200 कार टैक्सी उत्तराखंड पहुंच चुकी हैं। अॉल राजस्थान ट्यूरिस्ट कार एसोसिएशन प्रदेश महासचिव प्रदीप कुमार पाराशर ने बताया कि जब केन्द्र व राज्य सरकार को यह पता है कि हर साल इस समय चारधाम यात्रा चालू होती है। ऐसे में व्यवस्था के लिए लोकल पुलिस प्रशासन के साथ-साथ अन्य सुरक्षाकर्मी भी लगाने चाहिए। ताकि बिना भेदभाव के सभी को सुविधाओं का लाभ मिल सकें।