'जासूसी और फोन टैप' किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर लगाए बड़े और गंभीर आरोप, आखिर क्या है इसकी वजह

जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान के कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. इस बार भी वो अपने एक विवादित बयान को लेकर चर्चाओं में हैं, ये बयान अपनी ही सरकार के खिलाफ दिया है. दरअसल, किरोड़ीलाल मीणा ने अपनी ही सरकार पर जासूसी करने और फोन टैप करने का संगीन आरोप लगाया है.उन्होंने कहा कि मैंने भ्रष्टाचार के कुछ मामले बीच में उठाए थे. 50 फर्जी थानेदारों को गिरफ्तार किया गया. मैंने जब कहा कि ये परीक्षा रद्द करो, तो सरकार ने मेरी बात नहीं मानी. उल्टा सरकार की तरफ से जैसा पिछले राज में हुआ करता था, वैसा ही हो रहा है. चप्पे-चप्पे पर मेरे लिए सीआईडी लगाई जा रही है और मेरा टेलीफोन भी रिकॉर्ड किया जा रहा है.
‘कोई बुरा काम नहीं करता इसलिए नहीं झुकता’
डॉ. मीणा ने कहा कि इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता. गहलोत सरकार ने भी मेरे टेलीफोन रिकॉर्ड किए, सीआईडी लगाई पर मैंने सबको चकमा दे दिया. किरोड़ी ने कहा कि कोई बुरा काम नहीं करता इसलिए मैं डरता नहीं, झुकता नहीं और टूटता भी नहीं. मैं सच कहने से नहीं चूकता. मंत्री ने यह सब जयपुर के आमागढ़ मंदिर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा. किरोड़ी ने यह भी कहा कि मैं आशा करता था कि जब राज बदलेगा तो भ्रष्टाचार करने वालों पर नकेल कसेंगे और मुंह का खाया हुआ नाक से निकालेंगे, लेकिन मैं निराश हूं, जो आंदोलन पिछले राज में मैंने किए, जिनके कारण हम सत्ता में आए, उन मुद्दों पर काम नहीं हो रहा. उन्हें भुला दिया गया है.
किरोड़ी लाल मीणा और बीजेपी का चल रहा टकराव?
पिछली अशोक गहलोत सरकार फोन टैपिंग के आरोपों से हिल गई थी, जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी लोकेश शर्मा और अन्य के खिलाफ कथित तौर पर उनका फोन टैप करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी. मीना का राज्य सरकार और पार्टी के साथ लगातार टकराव चल रहा है, सबसे पहले दिसंबर 2023 में बीजेपी सरकार के गठन को लेकर टकराव सामने आया था. उनके समर्थकों का कहना है कि उन्हें मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए था और उन्हें दिए गए विभाग उनके कद के अनुरूप नहीं थे.