स्मार्ट मीटर या स्मार्ट लूट? जयपुर में बंद मकान का आया ₹1.02 लाख का बिजली बिल, पर्ची देखते ही परिवार के उड़े होश
राजस्थान के जयपुर जिले में स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए मुसीबत बन गए हैं। बिजली वितरण कंपनी उपभोक्ताओं के घरों से पुराने मीटर हटाकर स्मार्ट मीटर लगा रही है। वहीं, जोबनेर में स्मार्ट मीटर के बिजली बिल ने उपभोक्ता को चौंका दिया है। कुछ दिन पहले ही जयपुर जिले के जोबनेर के सराय मोहल्ला निवासी अमीरुद्दीन रंगरेज के घर पर बिजली विभाग ने पुराना मीटर हटाकर नया स्मार्ट मीटर लगाया था। जुलाई महीने में जब स्मार्ट मीटर का पहला बिल आया तो सभी हैरान रह गए। कई महीनों से बंद पड़े घर का बिजली बिल 1,26,296 रुपये आया।
बिल देखकर परिवार के लोग हैरान रह गए। बिल में कुल 14422 यूनिट की खपत दिखाई गई, जबकि उनका घर कई महीनों से बंद था। मकान मालिक अमीरुद्दीन का कहना है कि जोबनेर स्थित उनका घर पिछले कई महीनों से खाली है और परिवार जयपुर शहर में रह रहा है।पहले हर महीने 150 रुपये तक का बिल आता था। अब एक महीने में लाखों का बिल आना चिंता का विषय बन गया है। उपभोक्ता ने बिजली विभाग के जोबनेर कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। कनिष्ठ अभियंता हरलाल बरी ने बताया कि जोबनेर में बड़े पैमाने पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसा बिल तकनीकी खराबी के कारण आ रहा होगा। मीटर की जाँच कराई जाएगी और उपभोक्ता को अनावश्यक परेशानी नहीं होने दी जाएगी। राजस्थान में कई जगहों से ऐसी शिकायतें आई हैं, जहाँ बंद घरों में लगे स्मार्ट मीटर से लाखों रुपये के बिल आ रहे हैं।इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाएँ तेज़ हो गई हैं। उपभोक्ताओं की माँग है कि बिजली विभाग इन स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता और सटीकता की जाँच करे। जयपुर में जोबनेर जैसी घटनाएँ सवाल उठाती हैं कि क्या स्मार्ट मीटर वाकई स्मार्ट हैं या उपभोक्ताओं की जेब पर बोझ बन रहे हैं।
टीकाराम जूली ने भी स्मार्ट मीटर को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार के नुमाइंदे और मंत्री-विधायक अपने घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगवा रहे हैं। वे सरकारी आवासों में स्मार्ट मीटर लगवाकर दिखावा कर रहे हैं। अगर उन्हें स्मार्ट मीटर इतने ही पसंद हैं, तो पहले उन्हें अपने निजी घरों में स्मार्ट मीटर लगवाने चाहिए।
