राजस्थान में 19 जिलों के CMHO को कारण बताओ नोटिस, IHMS फार्मेसी मॉड्यूल लागू करने में बरती लापरवाही
डिजिटल क्रांति की बात करते हुए राजस्थान के हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी अब अपने ही आदेशों को नज़रअंदाज़ कर रहे हैं। नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) ने IHMS (इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम) फार्मेसी मॉड्यूल को लागू करने में लापरवाही के लिए 19 जिलों के चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर (CMHO) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जिन जिलों को नोटिस मिला है, उनमें जयपुर, दौसा, भरतपुर, चूरू, जोधपुर, अलवर, सीकर, बारां और उदयपुर शामिल हैं।
मेडिसिन मैनेजमेंट सिस्टम में रुकावट
यह मॉड्यूल 13 नवंबर, 2025 तक सभी डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और कम्युनिटी हेल्थ सेंटर में पूरी तरह से चालू हो जाना था, लेकिन जिलों की नाकामी ने स्टेट-लेवल रिपोर्टिंग और मेडिसिन मैनेजमेंट सिस्टम में रुकावट डाल दी है। मिशन डायरेक्टर डॉ. अमित यादव ने साफ किया कि इस लापरवाही का असर स्टेट-लेवल रिपोर्टिंग और मेडिसिन मैनेजमेंट सिस्टम पर पड़ रहा है।
उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तीन दिन के अंदर जवाब देने और मॉड्यूल को तुरंत सभी मेडिकल इंस्टीट्यूशन में लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर समय पर काम पूरा नहीं हुआ तो डिसिप्लिनरी एक्शन लिया जाएगा। डिपार्टमेंट के अधिकारियों के मुताबिक, ज़िले के अधिकारी टेक्निकल दिक्कतों, नेटवर्क की दिक्कतों और स्टाफ़ ट्रेनिंग का हवाला दे रहे हैं, लेकिन डिपार्टमेंट इन बहानों को खारिज कर रहा है।
CMHOs से सफाई मांगी गई
बताया जा रहा है कि ट्रेनिंग और टेक्निकल मदद महीनों पहले दी गई थी, फिर भी ज़िलों ने मॉड्यूल लागू नहीं किया है। IHMS फ़ार्मेसी मॉड्यूल का मकसद दवा मैनेजमेंट, स्टॉक मॉनिटरिंग, सप्लाई मैनेजमेंट और ट्रांसपेरेंसी पक्का करना है। इसके बिना रियल-टाइम डेटा खत्म हो जाएगा, धोखाधड़ी से खरीद-बिक्री की शिकायतें बढ़ेंगी और मरीज़ों को दवा नहीं मिलेगी। हालांकि, इन CMHOs से सफाई मांगी गई है। अगर संतोषजनक जवाब नहीं मिले तो डिसिप्लिनरी एक्शन लिया जाएगा।
