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कल से शुरू हो रही Shardiya Navratri, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

 
 कल से शुरू हो रही Shardiya Navratri, जानें कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 

जयपुर न्यूज़ डेस्क,  शारदीय नवरात्र का पर्व 3 अक्तूबर से शुरू होगा. नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा गुरुवार को शुरू होकर 9 दिन के बजाय 10 दिन तक चलेगा. तृतीया तिथि की वृद्धि के कारण इस बार 10 दिन तक मां का विशेष पूजन होगा. शारदीय नवरात्र आश्विन मास शुक्ल पक्ष हस्त नक्षत्र और इंद्र योग में मनाए जाएंगे. नवरात्रि में मां दुर्गा की नौ स्वरूपों में पूजा होगी. 

मां दुर्गा की नौ स्वरूपों की होती है पूजा 
पहले दिन मां शैलपुत्री
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा
चौथे दिन मां कूष्माण्डा
पांचवें दिन मां स्कंदमाता
छठे दिन मां कात्यायनी
सातवे दिन मां कालरात्रि
आठवें दिन मां महागौरी 
नवें दिन सिद्धिदात्री देवी की पूजा होगी. 

सुबह 6:40 बजे कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 

स्वर्ण नगरी जैसलमेर के ज्योतिषाचार्य उमेश आचार्य ने बताया कि गुरुवार को स्थापना का मुहूर्त सुबह 6:40 से 8:06 तक है. इसके बात अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:11 से 12: 58 बजे तक है. आचार्य ने बताया कि नवरात्र व्रत की शुरुआत सबसे पहले गणपति, मातृ का,  लोकपाल, नवग्रह और वरुण पूजन और देवी का वेद विधि से पूजा जरूर करें. नवरात्र काल में काली, लक्ष्मी और सरस्वती का पूजन और सप्तशती का पाठ मुख्य है. उन्होंने बताया कि अभीष्ट कार्य की सिद्धि के लिए 9 दिनों तक नवरात्र करके दशांश हवन और ब्राह्मण भोजन अवश्य करना चाहिए.

शारदीय नवरात्र से होता है ऋतु परिवर्तन 

ज्योतिषाचार्य उमेश आचार्य ने बताया कि शारदीय नवरात्र के साथ ही ऋतु परिवर्तन होकर शरद ऋतु की शुरुआत होती है. प्रकृति में जब मौसम बदलत है तो कई रोगों के रोगाणु के शरीर पर वार करते हैं, जिससे मौसमी बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है. इस मौसम में वात, पित्त और कफ तीनों दोष असंतुलित होने से शरीर का रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ती है. शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए नवरात्र में नौ दिन जप, उपवास, साफ-सफाई और भाव शुद्धि और ध्यान कर बीमारियों से रक्षा की जाती है. हवन करने से वातावरण में फैले रोगाणु नष्ट हो जाते हैं."