राजस्थान में कड़ाके की ठंड का कहर, फुटेज में जानें ओस की बूंदें जमीं, 8 शहरों में सीजन की सबसे सर्द रात
राजस्थान में सर्दी ने अब अपने तेवर तीखे कर लिए हैं। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में कड़ाके की ठंड पड़ने लगी है। शनिवार को करौली में न्यूनतम तापमान गिरकर 3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि शेखावाटी अंचल के कई जिलों में शीतलहर का सबसे ज्यादा असर देखने को मिला।
मौसम विभाग ने चूरू, सीकर, झुंझुनूं और अलवर जिलों के लिए तेज शीतलहर की चेतावनी जारी की है। इन इलाकों में सुबह और रात के समय तापमान तेजी से गिर रहा है। कई शहरों में सुबह-सुबह ओस की बूंदें जमने लगी हैं, जिससे सड़कों, खेतों और वाहनों पर बर्फ की पतली परत नजर आने लगी है।
शनिवार को प्रदेश के आठ शहरों में इस सीजन का अब तक का सबसे कम तापमान दर्ज किया गया। शेखावाटी और आसपास के जिलों में ठंड का असर सबसे अधिक रहा। सीकर जिले में पिछले पांच दिनों से लगातार कड़ाके की ठंड पड़ रही है और तापमान जमाव बिंदु के बेहद करीब पहुंच गया है। इससे आम जनजीवन के साथ-साथ खेती पर भी असर पड़ने लगा है।
फतेहपुर (सीकर) स्थित मौसम केंद्र के टेंपरेचर रीडर श्योपाल सिंह के अनुसार रविवार सुबह न्यूनतम तापमान 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस समय पूरे प्रदेश में सबसे कम है। तापमान में इस तेज गिरावट के कारण खेतों में पाला पड़ने की स्थिति बन गई है।
किसानों की चिंता बढ़ गई है। सरसों और गेहूं की फसल को पाले से बचाने के लिए किसान रात के समय खेतों में तिरपाल ढक रहे हैं। रविवार सुबह कई खेतों में तिरपाल पर बर्फ की परत जमी हुई नजर आई। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ठंड का यह दौर जारी रहा तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।
शीतलहर के चलते लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। सुबह और देर रात सड़कों पर आवाजाही कम नजर आ रही है। लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में ठंड से बचाव के लिए लकड़ी और उपलों के अलाव जलाए जा रहे हैं।
