Jaipur संस्कृत विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम
वैदिक डॉ. शंभुकुमार झा ने वेदों मंत्रों के उच्चारण की उदात्त, अनुदात्त और स्वरित स्वरों को समझाया। दर्शन विभागाध्यक्ष शास्त्री कोसलेंद्रदास ने कहा कि मंत्रों के उच्चारण की शुद्धता को अत्यंत महत्व देना चाहिए। पूजा-पाठ विद्वान पुरोहितों से परामर्श लेकर उनसे ही करवाने चाहिए, ताकि धर्म व मंत्रों का सही स्वरूप प्रकट हो सके। प्रतिष्ठान के निदेशक डॉ. देवेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि लगभग डेढ़ सौ पुरोहितों को तीन चरणों में कर्मकांड की शास्त्रीय विधि का अध्यापन करवाया जा रहा है। प्रथम चरण में गणेश, अंबिका, नवग्रह व कलश पूजन, दूसरे चरण में नामकरण, अन्नप्राशन और विवाह संस्कार एवं तीसरे चरण में अंतिम संस्कार व श्राद्ध करने की पद्धति सिखाई जा रही है।कुलसचिव प्रियव्रत सिंह चारण ने कहा कि मंत्र प्रतिष्ठान के माध्यम से वैदिक शिक्षा के प्रसार की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि समारोह में वेदमूर्ति डॉ. शंभुनाथ मिश्र का अंभिनंदन किया गया। समारोह में डॉ. रामेश्वरनाथ द्विवेदी, डॉ. शशिकुमार शर्मा और डॉ. खुशबू शर्मा सहित अनेक शिक्षक व विद्यार्थी उपस्थित रहे।