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सवाईमाधोपुर में बेसहारा गोवंश को छोड़ने पहुंचे नगर परिषद कर्मचारियों से मारपीट, सामने आया घटना का वीडियो

सवाईमाधोपुर में बेसहारा गोवंश को छोड़ने पहुंचे नगर परिषद कर्मचारियों से मारपीट, सामने आया घटना का वीडियो
 
सवाईमाधोपुर में बेसहारा गोवंश को छोड़ने पहुंचे नगर परिषद कर्मचारियों से मारपीट, सामने आया घटना का वीडियो

सवाईमाधोपुर में नगर परिषद के कर्मचारियों से मारपीट का एक गंभीर मामला सामने आया है। यह घटना उस समय हुई जब नगर परिषद के कर्मचारी बेसहारा गोवंश को छोड़ने के लिए एक स्थान पर पहुंचे थे। घटना में कर्मचारियों के साथ हाथापाई और सरकारी कार्य में बाधा डालने की शिकायत दर्ज कराई गई है। नगरपरिषद आयुक्त नरसी मीणा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की, जिसके बाद पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

घटना का पूरा विवरण

यह घटना बुधवार को मानटाउन थाना क्षेत्र में घटी, जब नगर परिषद के कर्मचारी आवारा और बेसहारा गोवंश को पकड़कर उन्हें निर्धारित स्थान पर ले जा रहे थे। इसी दौरान कुछ स्थानीय लोगों ने कर्मचारियों का विरोध करते हुए उनके साथ अभद्रता शुरू कर दी। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि मारपीट तक की नौबत आ गई।

नगरपरिषद आयुक्त की शिकायत

घटना के तुरंत बाद नगरपरिषद आयुक्त नरसी मीणा ने मानटाउन थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने चार आरोपियों के नामजद होने की बात कही और आरोप लगाया कि इन लोगों ने न केवल सरकारी कार्य में बाधा डाली, बल्कि कर्मचारियों के साथ मारपीट कर कानून व्यवस्था को चुनौती भी दी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई

शिकायत के आधार पर मानटाउन पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने राजकार्य में बाधा पहुंचाने, शासकीय कर्मचारी से मारपीट और अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कानून हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और यदि इस प्रकरण में अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

गोवंश प्रबंधन बन रहा चुनौती

यह मामला एक बार फिर से उजागर करता है कि राजस्थान के कई हिस्सों में बेसहारा गोवंश का प्रबंधन नगर निकायों के लिए चुनौती बनता जा रहा है। जब भी प्रशासन गोवंश को पकड़ने या उन्हें निर्धारित गौशालाओं तक पहुंचाने की कोशिश करता है, तब कई बार स्थानीय विरोध का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामलों में सामाजिक जागरूकता और सहयोग की आवश्यकता भी महसूस की जा रही है।