जोजरी नदी बचाओ आंदोलन: हनुमान बेनीवाल ने क्यों खोला मोर्चा, वीडियो में जानें पानी संकट से जूझ रहे इलाके के लोगों की बड़ी समस्याएं
राजस्थान के बालोतरा ज़िले के डोली गाँव से शुरू हुआ जोजरी नदी बचाओ आंदोलन ज़ोर पकड़ चुका है। पिछले रविवार को हज़ारों की भीड़ के साथ शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन अब पूरे प्रदेश में प्रदूषण और गंदे पानी के ख़िलाफ़ आंदोलन बन गया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और सांसद हनुमान बेनीवाल के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन ने ज़िला प्रशासन को नींद से जगा दिया है। इस आंदोलन के दौरान कई गाँवों के किसानों और युवाओं ने हनुमान बेनीवाल का अनोखे अंदाज़ में स्वागत किया, जिसमें उन पर जेसीबी से पुष्प वर्षा की गई।
60-70 गाँवों में प्रदूषण का कहर
बता दें, बेनीवाल ने डोली में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि जोधपुर और पाली की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाला ज़हरीला रासायनिक पानी पिछले डेढ़-दो दशकों से जोजरी नदी को प्रदूषित कर रहा है। इससे डोली, अराबा, कल्याणपुर समेत 60-70 गाँवों में तबाही मची हुई है। खेत बंजर हो गए हैं, पीने का पानी दूषित हो गया है और मच्छरों व बीमारियों का ख़तरा बढ़ गया है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि रिवर फ्रंट जैसे बड़े-बड़े वादे तो किए गए, लेकिन जमीनी हकीकत जस की तस है। बेनीवाल ने चेतावनी दी कि जब तक जोजरी नदी में बह रहे प्रदूषित पानी का स्थायी समाधान नहीं हो जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने इसे करो या मरो की लड़ाई बताते हुए कहा कि अगर सरकार लिखित में मांगें नहीं मानती, तो आंदोलन और तेज होगा।
आंदोलनकारियों की क्या मांगें हैं?
जोजरी नदी बचाओ आंदोलन के तहत आरएलपी प्रतिनिधिमंडल ने जिला प्रशासन के साथ करीब आधे घंटे तक चर्चा की और मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा। चर्चा में तीन प्रमुख बिंदुओं पर सहमति बनी - पहला, जोधपुर से आने वाले गंदे पानी की आपूर्ति तुरंत बंद की जाएगी। दूसरा, स्थायी समाधान के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। तीसरा, गंदे पानी की आवक तुरंत रोककर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। बेनीवाल ने स्पष्ट किया कि जब तक प्रभावित गांवों को प्रदूषित पानी से पूरी तरह मुक्त नहीं कर दिया जाता, तब तक आंदोलन चरणबद्ध तरीके से जारी रहेगा।
नदी का अस्तित्व खतरे में?
इस दौरान बेनीवाल ने कहा कि पिछले डेढ़ दशक से जोजरी नदी में औद्योगिक कचरा डाला जा रहा है और पिछले तीन-चार सालों में यह समस्या और गंभीर हो गई है। उन्होंने लोकसभा में भी यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने भाजपा और कांग्रेस दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि जोजरी के साथ-साथ बांडी और लूणी नदियों की स्थिति भी चिंताजनक है। हम यहां राजनीति करने नहीं, बल्कि जोजरी को बचाने आए हैं। बेनीवाल ने कहा कि सत्ता में बैठे लोग आंखें मूंदे हुए हैं, अब जनता को जागना होगा। उन्होंने कहा कि जोजरी लूणी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है और इसके अस्तित्व को बचाना जरूरी है, वरना नदियां इतिहास बन जाएंगी।
प्रदूषण से क्षेत्र में बिगड़ रहे हालात
गौरतलब है कि जोधपुर और पाली के कारखानों से निकलने वाला प्रदूषित पानी बालोतरा जिले के डोली, अराबा और कल्याणपुर जैसे गांवों में भारी तबाही मचा रहा है। स्थानीय लोग लंबे समय से इस समस्या से जूझ रहे हैं। खेत सूख रहे हैं, ज़मीन बंजर हो रही है, मवेशी मर रहे हैं और लोग बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। जोजरी बचाओ महारैली में उमड़ी भीड़ ने इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया है।
