सचिन पायलट ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना, आमजन को सोचना होगा किस तरह के नेता चाहते, देखें वीडियो

कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की भजनलाल शर्मा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को "जुमला देने वाली पार्टी" करार दिया है। उन्होंने यह बयान उस वक्त दिया, जब राजस्थान की राजनीति में भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक जयकृष्ण पटेल की 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तारी का मामला गरमाया हुआ है।
सचिन पायलट ने कहा, "बीजेपी को जुमला देने की बहुत पुरानी आदत है। जब भी जनता असली मुद्दों पर सवाल करती है — महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की समस्या — तब ये लोग कोई नया जुमला दे देते हैं। लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है और वह दिखावे की राजनीति में नहीं फंसने वाली।"
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बोलते हुए पायलट ने कहा कि जयकृष्ण पटेल की गिरफ्तारी बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा, "राजस्थान में पहली बार इस तरह की घटना सामने आई है जब एक विधायक को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है। यह न केवल राजनीति के लिए शर्मनाक है, बल्कि लोकतंत्र की नींव को भी हिलाने वाला है। आमजन को अब यह सोचना होगा कि हम प्रदेश में किस तरह के नेता चुन रहे हैं और कैसी राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं।"
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह मामला केवल एक विधायक तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि अगर भ्रष्टाचार को समय रहते नहीं रोका गया, तो यह व्यवस्था को भीतर से खोखला कर देगा। पायलट ने साफ कहा कि कांग्रेस पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है और इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
सचिन पायलट के इस बयान को राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा आगामी लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की आक्रामक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। खासकर तब जब भाजपा राजस्थान में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है, वहीं कांग्रेस भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और जनहित के मुद्दों को सामने रखकर जनता से सीधे संवाद बनाने में लगी हुई है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पायलट की यह टिप्पणी न केवल भाजपा पर हमला है, बल्कि यह मतदाताओं को चेतावनी देने की कोशिश भी है कि वे नेतृत्व का चयन सोच-समझ कर करें। उन्होंने युवाओं और ग्रामीण क्षेत्रों के वोटर्स से अपील की कि वे जागरूक बनें और ऐसी राजनीति को नकारें जो केवल सत्ता के लिए काम करती हो, न कि जनता के लिए।
इस बीच जयकृष्ण पटेल के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे होने की उम्मीद है।