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सचिन पायलट ने कहा- कुछ नेताओं के पाला बदलने से हमे कोई फर्क नहीं, ममता बनर्जी हमारे साथ हैं

 
सचिन पायलट ने कहा- कुछ नेताओं के पाला बदलने से हमे कोई फर्क नहीं, ममता बनर्जी हमारे साथ हैं

जयपुर न्यूज़ डेस्क, इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस के कुछ घटक दलों के पाला बदलकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल होने के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रविवार को कहा कि विपक्षी गठबंधन अभी मजबूत है। सचिन पायलट ने पीटीआई में दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘इंडिया' गठबंधन का हिस्सा हैं और उन्होंने विश्वास जताया कि उनके साथ सीट-बंटवारे को लेकर बातचीत के दौरान आगे का कोई रास्ता निकलेगा।

सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा स्वयं को 370 सीट और राजग को 400 से अधिक सीट मिलने का दावा कर रही है, जो जमीनी स्तर पर केवल आकलन के बजाय डींग हांकने वाला बयान और है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व वाली ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा' छत्तीसगढ़ से गुजर रही है। ऐसे में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रभारी महासचिव ने इन बातों को खारिज कर दिया कि यह यात्रा पार्टी की चुनावी तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है।

गठबंधन का पलड़ा भारी होगा

पायलट ने कहा ने कहा कि यात्रा जारी है और अन्य चीजें एआईसीसी नेतृत्व और राज्य प्रभारी संभाल रहे हैं। इन सभी बैठकों और बातचीत पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे खुद नजर रख रहे हैं। इतना ही नहीं सचिन पायलट ने कहा कि इंडिया' गठबंधन मजबूत है और ममता बनर्जी इस गठबंधन का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि हम तृणमूल कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं। सचिन पायलट नीतीश कुमार के एनडीए में जाने से उनकी विश्वसनीयता पर भी सवाल उठता है और जब वह चुनाव लड़ेंगे तो उन्हें बिहार के लोगों को जवाब देना होगा। पायलट ने दावा किया कि ‘इंडिया' और एनडीए के बीच आमने-सामने के मुकाबले में विपक्षी गठबंधन का पलड़ा भारी होगा।

भाजपा के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगा

उन्होंने कहा कि ‘इंडिया' गठबंधन मजबूत है और बहुत जल्द विभिन्न राज्यों में सीट-बंटवारे की व्यवस्था की घोषणा की जाएगी। उन्होंने दावा किया कि विपक्षी दलों का यह गठबंधन लोकसभा चुनावों में भाजपा के लिए कड़ी चुनौती पेश करेगा। पायलट ने कहा कि अंकगणितीय गणना से पता चलेगा कि 2019 के चुनावों में ‘इंडिया' का मत प्रतिशत 60 प्रतिशत से अधिक और एनडीए का लगभग 35 प्रतिशत था, इसलिए सत्तारूढ़ दल केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके, दुष्प्रचार करके या दबाव बनाने जैसे तरीके अपनाकर यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि ‘इंडिया' गठबंधन एकजुट नहीं हो।