Jaipur राजधानी में कॉरिडोर पर 515 करोड़ रुपये खर्च, यहाँ-यहाँ कॉरिडोर
सामंजस्य की कमी
अभी ये हाल
अब तक एक भी आदेश पर अमल नहीं हुआ है। खाली कॉरिडोर प्लान पर सवालिया निशान ही लगता नजर आता है। अहमदाबाद में बीआरटीएस कॉरिडोर में करीब 250 बसों का संचालन हो रहा है। यहां सभी रूट को एक-दूसरे से जोड़ा गया है। अन्य वाहन कॉरिडोर में प्रवेश नहीं करें, इसके लिए सामान्य से ज्यादा जुर्माना वसूलने का प्रावधान है। यातायात पुलिस निगरानी भी रखती है।
कभी उपयोगी बनाओ तो कभी हटाओ
अक्टूबर, 2017 में तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने कॉरिडोर को लेकर बैठक की। अधिकारियों को इसे उपयोगी बनाने के निर्देश भी दिए थे।
अगस्त, 2020 में तत्कालीन परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में कॉरिडोर को हटाने के लिए कहा था।
बदहाली का आलम ये
बस स्टॉपेज का बुरा हाल, कुर्सियां तक टूट गई हैं।
कॉरिडोर की जालियां भी टूट गईं हैं। इनसे लोग मुख्य कॉरिडोर से दूसरी ओर जाते हैं।
ऐसे की जाए शुरुआत
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (जेसीटीएसएल) कॉरिडोर के लिए करीब 40 बसों का संचालन करे।
निजी बसों को भी कॉरिडोर में चलाया जा सकता है। आस-पास के लोगों को जागरूक किया जाए ताकि कॉरिडोर में बने बस स्टॉपेज पर यात्री पहुंच सकें।
सीकर रोड: रोड नम्बर 14 से अम्बाबाड़ी तक
अजमेर रोड: डीसीएम से 200 फीट चौराहे तक
न्यू सांगानेर रोड: 200 फीट चौराहे से बी टू बाइपास तिराहे तक