राजस्थान में रिकॉर्ड ब्रेक! इस दिन पहली बार जुलाई में ही छलकेगा बीसलपुर डेम, जानिए इस दिन बजेंगे सायरन ? 54 गांवों में अलर्ट जारी
जयपुर की जीवनरेखा बीसलपुर बांध अब अपने पूर्ण जलभराव की ओर बढ़ चला है। बांध में पानी की आवक अभी धीमी गति से हो रही है, लेकिन पानी की लगातार आवक के चलते बांध अब जल्द ही छलकने की स्थिति में है। जल संसाधन विभाग ने बांध के छलकने की आशंका के चलते बनास नदी के आसपास बसे 54 गांवों के लिए अलर्ट भी जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि 23 जुलाई को बांध पर सायरन बजेगा और बांध के गेट खोलकर पानी की निकासी की जाएगी। ऐसे में जुलाई में बांध के छलकने का एक नया रिकॉर्ड भी लगभग तय है।
अगले 48 घंटों में छलकने के संकेत!
अगले 48 घंटों में बीसलपुर बांध के छलकने की संभावना है। जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिस गति से बांध में पानी आ रहा है, उसे देखते हुए 21 जुलाई को बांध के छलकने की पूरी संभावना है। हालांकि, त्रिवेणी में पानी का प्रवाह कम होने से बांध के छलकने का इंतजार थोड़ा बढ़ गया है। बांध पर स्थानीय ग्रामीणों और पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जाने लगी है।
दाई नदी से उम्मीद
बीसलपुर बांध में पानी की मुख्य आवक त्रिवेणी संगम से होती है। सोमवार सुबह त्रिवेणी में पानी का प्रवाह 3.30 मीटर था। खारी और बनास नदियों में पानी का प्रवाह अब कम हो गया है, लेकिन पिछले दो-तीन दिनों में अजमेर जिले में हुई भारी बारिश के कारण दाई नदी से बीसलपुर बांध में अभी भी पानी की आवक जारी है। सोमवार दोपहर 1 बजे बीसलपुर बांध का जलस्तर 315.26 आरएल मीटर दर्ज किया गया। यानी सात घंटे की अवधि में बांध में जलस्तर 9 सेंटीमीटर बढ़ गया है।
बीसलपुर बांध अब तक सात बार ओवरफ्लो हो चुका है
निर्माण के बाद पहली बार 2004 में गेट खोले गए
बांध 2006 में दूसरी बार ओवरफ्लो हुआ
2014 में तीसरी बार गेट खोले गए
बांध के गेट 2016 में भी खोले गए
2019 में बांध के 17 गेट खोले गए
बांध 2022 में भी ओवरफ्लो हुआ
बांध 2024 में सातवीं बार ओवरफ्लो हुआ
ओवरफ्लो से पहले 54 गांवों में अलर्ट
जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता प्रहलाद राय खोईवाल के अनुसार, बारिश की गति धीमी होने के कारण बीसलपुर बांध में पानी की आवक भी धीमी हो गई है। पिछले 24 घंटों में बांध का जलस्तर 25 सेंटीमीटर बढ़ा है। वहीं, सोमवार सुबह छह घंटे में बांध का जलस्तर 9 सेंटीमीटर बढ़ सकता है। ऐसे में बांध की निगरानी बढ़ा दी गई है और आसपास के गांवों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। बांध के गेट खोलने के बारे में तभी फैसला लिया जाएगा जब पूरी जल भराव क्षमता यानी 315.50 आरएल मीटर हो जाएगी। त्रिवेणी में पानी का बहाव फिलहाल खतरे के निशान से नीचे है।
