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जैसलमेर कलेक्टर पर RAS एसोसिएशन का बड़ा हमला, अधिकारों के दुरुपयोग को लेकर CM भजनलाल को लिका लेटर

 
जैसलमेर कलेक्टर पर RAS एसोसिएशन का बड़ा हमला, अधिकारों के दुरुपयोग को लेकर CM भजनलाल को लिका लेटर 

राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद (आरएएस एसोसिएशन) ने जैसलमेर के जिला मजिस्ट्रेट (कलेक्टर) प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कड़ा पत्र लिखा है। परिषद ने प्रताप सिंह पर वरिष्ठ अधिकारियों से बार-बार दुर्व्यवहार, अभद्र भाषा का प्रयोग और प्रशासनिक शक्तियों का दुरुपयोग जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं। परिषद ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो प्रदेश भर के आरएएस अधिकारी हड़ताल पर चले जाएंगे।

मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर की ये मांग

आरएएस एसोसिएशन की ओर से गुरुवार 15 मई को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि जैसलमेर डीएम प्रताप सिंह का व्यवहार न केवल प्रशासनिक मर्यादा के विरुद्ध है, बल्कि इससे अधिकारियों का मनोबल भी टूट रहा है। परिषद ने प्रताप सिंह को तत्काल पद से हटाने और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है।

ये हैं एसोसिएशन के मुख्य आरोप

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भेजे गए पत्र में पोखरण के पूर्व एसडीओ प्रभजोत सिंह गिल के मामले का विशेष तौर पर जिक्र किया गया है। परिषद का आरोप है कि जिला मजिस्ट्रेट ने गिल पर एक निजी वित्तीय कंपनी और एक सोलर टावर कंपनी के खिलाफ कार्रवाई न करने का दबाव बनाया। जब अधिकारी ने कहा कि वह नियमों के अनुसार काम कर रहे हैं, तो जिला मजिस्ट्रेट ने कथित तौर पर उनकी योग्यता पर सवाल उठाए।

आरएएस एसोसिएशन का पत्र

एक अन्य घटना में डीएम पर उपनिवेशन विभाग के अधिकारी मुकेश कुमार के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया गया है। मामला 3 अप्रैल को हुई एक आधिकारिक बैठक से जुड़ा है। परिषद ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की शिकायत अप्रैल में ही की गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे अधिकारियों में निराशा और गुस्सा है।

एसोसिएशन ने दी हड़ताल की चेतावनी

आरएएस काउंसिल ने अपने पत्र के अंत में साफ किया है कि अगर प्रताप सिंह को तुरंत पद से नहीं हटाया गया तो प्रदेश भर के आरएएस अधिकारी हड़ताल पर जा सकते हैं। काउंसिल ने इस स्थिति को संवेदनशील बताया है और सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। आपको बता दें, अगर सरकार जल्द ही कार्रवाई नहीं करती है तो प्रदेश में प्रशासनिक कामकाज बाधित हो सकता है, जिसका असर आम जनता की सेवाओं पर पड़ेगा।