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Ram Jal Setu परियोजना से बदलेगी राजस्थान के 17 जिलों की किस्मत, करोड़ों की आबादी तक पहुंचेगा खेती-पीने का पानी

 
Ram Jal Setu परियोजना से बदलेगी राजस्थान के 17 जिलों की किस्मत, करोड़ों की आबादी तक पहुंचेगा खेती-पीने का पानी

जयपुर न्यूज़ डेस्क-  राम जल सेतु लिंक परियोजना (पीकेसी-ईआरसीपी) के तहत जल्द ही धरातल पर काम शुरू हो जाएगा। एमओए (समझौता ज्ञापन) के बाद संयुक्त डीपीआर तैयार करने के लिए जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी की अध्यक्षता में बुधवार को नई दिल्ली में राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के अधिकारियों की बैठक हुई। सचिव ने दोनों राज्यों के अधिकारियों को आवश्यक संशोधनों को शामिल करते हुए अगले 15 दिन में डीपीआर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में राजस्थान के जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार शामिल हुए। एमओए के अनुसार राजस्थान को 4102.60 और मध्यप्रदेश को 3120.09 मिलियन क्यूबिक मीटर (एमसीएम) पानी मिलना है।

ऐसे मिलेगा पानी
राजस्थान को 4102.60 एमसीएम पानी मिलेगा। इसमें से 1744 एमसीएम पानी पीने के पानी के लिए, 205.75 एमसीएम उद्योग के लिए, 1159.38 एमसीएम नए सिंचित क्षेत्रों के लिए, 615.43 एमसीएम पहले से बने बांधों में पानी के डायवर्जन के लिए, 108 एमसीएम भूजल पुनर्भरण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। शेष 270 एमसीएम पानी खराब मानसून के दौरान पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और डीपीआर के अनुसार अन्य विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसमें 522.80 एमसीएम रिसाइकिल किया गया पानी शामिल है।

बैराज, बांधों से कृत्रिम जलाशय बनाए जाएंगे
बैराज: कूल नदी पर रामगढ़ बैराज, पार्वती नदी पर महलपुर बैराज, कालीसिंध नदी पर नवनेरा बैराज, मेज नदी पर मेज बैराज, बनास नदी पर नीमोद राठौड़ बैराज।
कृत्रिम जलाशय: अजमेर और अलवर में बनाए जाएंगे।
बांध निर्माण: ईसरदा, डूंगरी।
बीसलपुर बांध की क्षमता 0.50 मीटर बढ़ाई जाएगी।
एमपी-राजस्थान के इन जिलों तक पहुंचेगा पानी!

राजस्थान के 17 जिले- जयपुर, झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहारोड़, अजमेर, ब्यावर, टोंक।

मध्य प्रदेश के 13 जिले- गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़।