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'मुंह में राम बगल में छुरी' जूली बाले मनरेगा को खत्म करने की हो रही साजिश, फुटेज मे देखें नाम बदलकर ‘जी राम जी’ करने पर साधा निशाना

'मुंह में राम बगल में छुरी' जूली बाले मनरेगा को खत्म करने की हो रही साजिश, फुटेज मे देखें नाम बदलकर ‘जी राम जी’ करने पर साधा निशाना
 
'मुंह में राम बगल में छुरी' जूली बाले मनरेगा को खत्म करने की हो रही साजिश, फुटेज मे देखें नाम बदलकर ‘जी राम जी’ करने पर साधा निशाना

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने केंद्र सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को धीरे-धीरे खत्म करने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने मनरेगा में किए गए बदलाव इसी मंशा के तहत किए हैं, ताकि गरीबों को मिलने वाला रोजगार समाप्त किया जा सके। जूली प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

टीकाराम जूली ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने मनरेगा योजना का नाम बदलकर ‘जी राम जी’ कर दिया है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “आपने योजना का नाम भी ‘जी राम जी’ कर दिया और मजदूरों के लिए काम भी ‘जी राम जी’ कर दिया। इसका सीधा मतलब है कि योजना का अंत कर दिया गया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि नाम बदलने से योजना का उद्देश्य नहीं बदलता, बल्कि सरकार की नीयत सामने आ जाती है।

जूली ने कहा कि मनरेगा देश के गरीब, मजदूर और ग्रामीण तबके के लिए जीवनरेखा रही है। इस योजना के जरिए करोड़ों लोगों को रोजगार मिला, लेकिन केंद्र सरकार लगातार इसके बजट में कटौती कर रही है और नियमों में ऐसे बदलाव कर रही है, जिससे मजदूरों को काम मिलना मुश्किल हो जाए। उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर गरीब विरोधी नीति है।

भाजपा पर धार्मिक भावनाओं के राजनीतिक उपयोग का आरोप लगाते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि महात्मा गांधी के अंतिम शब्द “हे राम” थे, लेकिन भाजपा इस नाम का राजनीतिक लाभ उठाना चाहती है। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीराम तभी खुश होते हैं, जब गरीबों को रोजगार मिलता है, जब मजदूर के हाथ में काम होता है और उसके परिवार का पेट भरता है।”

जूली ने आगे कहा कि केवल योजना का नाम बदलकर उसमें राम का नाम जोड़ देने से गरीबों का भला नहीं होता। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “आपकी स्थिति ‘मुंह में राम, बगल में छुरी’ वाली कहावत को 100 प्रतिशत सच साबित करती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ भाजपा राम के नाम की राजनीति करती है और दूसरी तरफ गरीबों से उनका हक छीनने का काम कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी मनरेगा की मजबूती के लिए हमेशा खड़ी रही है और आगे भी गरीबों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रहेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि मनरेगा का बजट बढ़ाया जाए, मजदूरों को समय पर भुगतान हो और योजना को कमजोर करने वाले सभी बदलाव तुरंत वापस लिए जाएं।

जूली के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर मनरेगा को लेकर बहस तेज हो गई है। कांग्रेस ने साफ संकेत दिए हैं कि वह इस मुद्दे को सड़क से सदन तक जोर-शोर से उठाएगी, वहीं भाजपा की ओर से इस पर जवाब दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।