Aapka Rajasthan

राजस्थान की अनूठी होली! जयपुर में जलती आग, उदयपुर में अंगारे और भीलवाड़ा में राख से खेली होली

 
जयपुर में सिटी-पैलेस से बाइक पर आग लेकर दौड़े लोग:उदयपुर में अंगारों में कूदकर तोड़ी होलिका; भीलवाड़ा में श्मशान की राख से खेली होली

जयपुर न्यूज़ डेस्क - राजस्थान में भद्रा काल (गुरुवार रात 10.30 बजे के बाद) समाप्त होने के बाद शुभ मुहूर्त में होलिका दहन किया गया। हालांकि सीकर, झुंझुनूं, अजमेर और अलवर में कई समुदायों ने भद्रा काल में ही होलिका दहन किया। जयपुर में सबसे पहले सिटी पैलेस में होलिका दहन किया गया। यहां से बड़ी संख्या में लोग बाइक पर अग्नि लेकर अपने-अपने इलाकों में पहुंचे और होलिका दहन किया। उदयपुर जिले के खरसाण गांव में रात करीब 11.30 बजे होलिका दहन किया गया।

वर्षों से चली आ रही परंपरा के अनुसार युवाओं ने अंगारों में कूदकर होलिका को तोड़ा और गांव के बाहर कुएं में विसर्जित किया। होलिका दहन के बाद महिलाओं ने होली के गीत गाते हुए होली को ठंडा करने की रस्म निभाई। भीलवाड़ा में श्मशान में चिता की राख से खेली होलीभीलवाड़ा के शास्त्री नगर भोपालपुरा में सालासर बालाजी मंदिर के बाहर होलिका दहन स्थल पर लव जिहाद की घटनाओं को झांकी के माध्यम से दर्शाया गया। पंचमुखी मोक्षधाम में चिता की राख से होली खेली गई। श्मशान घाट पर बड़ी संख्या में भैरव बाबा के भक्त मौजूद रहे और भजनों पर नृत्य किया।

पुलिसकर्मियों ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए शुभ मुहूर्त से पहले ही होली जलाई
सिरोही में पुलिस लाइन में पुलिस कर्मियों और उनके परिजनों ने शुभ मुहूर्त से पहले ही होलिका दहन कर दिया। शुभ मुहूर्त रात 11:30 बजे था, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कर्मियों ने ड्यूटी से पहले ही धार्मिक अनुष्ठान पूरा कर लिया।

जयपुर के चौमूं कस्बे में निकाली गई बोराजी की शवयात्रा
जयपुर के चौमूं कस्बे में होलिका दहन की रात एक अनूठी परंपरा निभाई गई। पुरोहितों के मोहल्ले से हजारों लोगों ने 'बोराजी की शवयात्रा' निकाली। जुलूस मुख्य बस स्टैंड मोरीजा रोड चौराहे पर पहुंचा, जहां बोराजी के पुतले का अंतिम संस्कार किया गया।