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प्यार, प्रतिशोध और रहस्य से भरा राजस्थान का कुलधरा गांव, वीडियो में जाने किस भयानक श्राप के कारण 200 सालों से पड़ा है वीरान

प्यार, प्रतिशोध और रहस्य से भरा राजस्थान का कुलधरा गांव, वीडियो में जाने किस भयानक श्राप के कारण 200 सालों से पड़ा है वीरान
 
प्यार, प्रतिशोध और रहस्य से भरा राजस्थान का कुलधरा गांव, वीडियो में जाने किस भयानक श्राप के कारण 200 सालों से पड़ा है वीरान

अगर आप रहस्यमयी जगहों पर घूमने के शौकीन हैं, तो कुलधरा जरूर जाएं। यहां के खंडहरों में आपको एक अजीब सा खालीपन फैला हुआ मिलेगा। आपको चारों तरफ डर का माहौल दिखेगा। यह जगह अब वीरान हो गई है। लेकिन किसी समय यह एक समृद्ध गांव था। अब यहां सिर्फ खंडहर ही नजर आते हैं, जिनकी कहानी और रहस्य जानने के लिए पर्यटक यहां जाते हैं। भानगढ़ किले की तरह यह जगह भी भूतिया है, लेकिन पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। शाम ढलने के बाद इस जगह पर कोई पैर नहीं रखता। यह जगह भूतहा जगह है। 


आप भूतों में यकीन करें या न करें, आपको ऐसी कई जगहों के बारे में सुनने को मिल जाएगा, जहां पर पैरानॉर्मल एक्टिविटीज होती हैं और रात के अंधेरे में इन जगहों पर जाना मना है। आप इन जगहों को दिन के उजाले में तो देख सकते हैं, लेकिन अंधेरा होते ही ये जगहें डरावनी हो जाती हैं। ऐसी जगहों की एक खासियत होती है उनकी कहानियां। ये कहानियां पर्यटकों को रोमांचित कर देती हैं। ये इस जगह को देखने की इच्छा पैदा करती हैं। देश के कोने-कोने से पर्यटक कुलधरा आते हैं और यहां सेल्फी लेते हैं और वीडियो बनाते हैं। यह एक ऐसा गांव है, जो अब खाली हो चुका है। यहां के घरों के खंडहर सालों से गांव की डरावनी, रहस्यमयी और शापित कहानी बयां कर रहे हैं।

करीब 200 साल पहले एक रात अचानक खाली हो गया था यह गांव
करीब 200 साल पहले एक रात अचानक कुलधरा गांव को उसके निवासियों ने खाली कर दिया था। तब से लेकर आज तक राजस्थान में स्थित यह जगह रहस्य बनी हुई है। कुलधरा गांव कभी दूसरे गांवों की तरह समृद्ध और खूबसूरत था। लेकिन अब यहां भूतिया घटनाएं होती हैं। कहा जाता है कि एक समय इस गांव में बड़ी संख्या में पालीवाल ब्राह्मण रहते थे। बात करीब 1825 की है। एक दिन अचानक पालीवाल ब्राह्मणों ने इस गांव को खाली कर दिया। तब से लेकर आज तक इसके बारे में अलग-अलग कहानियां कही जाती हैं।

ब्राह्मणों ने श्राप दिया था जिसकी वजह से यह गांव कभी बस नहीं सका
कहा जाता है कि इस गांव को खाली करते समय पालीवाल ब्राह्मणों ने श्राप दिया था कि जो भी इस गांव में बसने की कोशिश करेगा, वह बर्बाद हो जाएगा। तब से लेकर आज तक यह गांव खाली पड़ा है। इस गांव को पालीवाल ब्राह्मणों ने 1291 में बसाया था। उस समय यह गांव काफी समृद्ध था। ऐसा माना जाता है कि यहां के राज्य के दीवान सलीम सिंह इस गांव के एक ब्राह्मण की बेटी शक्ति मैया से विवाह करना चाहते थे। उन्होंने गांव वालों को धमकी दी थी कि अगर शक्ति मैया का विवाह उनसे नहीं हुआ तो वह गांव को नष्ट कर देंगे। जिसके बाद इस गांव के निवासियों ने इस गांव को छोड़ने का फैसला किया क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि शक्ति मैया का विवाह किसी अन्य समुदाय से हो।

ऐसा कहा जाता है कि गांव को खाली करते समय उन ब्राह्मणों ने श्राप दिया था कि जो भी इस गांव में बसेगा वह बर्बाद हो जाएगा। अन्य कहानियों के अनुसार इस गांव में सूखा पड़ा था और जल स्तर बहुत नीचे चला गया था, जिसके बाद यहां के निवासियों ने इसे खाली कर दिया और किसी अन्य स्थान पर जाकर बस गए। एक अन्य कहानी कहती है कि सलीम सिंह के अत्यधिक कर वसूली के कारण निवासियों ने यह गांव खाली कर दिया था। अब यह तो नहीं कहा जा सकता कि इन मान्यताओं और कहानियों में क्या सच्चाई है, लेकिन यहां मौजूद खंडहर पर्यटकों को इस गांव और इसकी रहस्यमयी कहानी की ओर जरूर आकर्षित करते हैं।