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Rajasthan Politics News: मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना, मुझे कमजोर करने का रचा जा रहा षड्यंत्र

 
Rajasthan Politics News: मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सीएम गहलोत पर साधा निशाना, मुझे कमजोर करने का रचा जा रहा षड्यंत्र

जयपुर न्यूज़ डेस्क। राजस्थान इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले और बीजेपी व कांग्रेस में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा, केवल मेरा चरित्र हनन करके राजनीतिक रूप से मुझे कमजोर करने का षड्यंत्र है। जांच एजेंसी को टूल के रूप में इस्तेमाल करने का काम राजस्थान के मुख्यमंत्री कर रहे हैं। यह केवल एकमात्र प्रयास नहीं है, वो पहले से ऐसे प्रयास करते आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा, वो जिस स्तर तक गए हैं, मैं उस स्तर पर नहीं जाना चाहता हूं। मैं धैर्य की एक सीमा बनाए रखना चाहता हूं। पत्रकारों से बातचीत में शेखावत ने कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मध्यप्रदेश, गुजरात और राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में कार्य करती है। सोयाइटी का जब पंजीकरण हुआ था, उस समय राजस्थान और दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी। सोसाइटी को मल्टीस्टेट कैटेगरी का दर्जा भी साल 2013 में मिला। उस समय भी दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी।

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केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, साल 2018 में क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के संचालक और उससे हुए घाटाले के मुख्य अभियुक्त कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पचपदरा से चुनाव लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे थे। बकायदा, लाखों रुपये खर्च कर अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन दिए गए। उन्होंने कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी पर 23 अगस्त 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी। राजस्थान सरकार के अधीन कार्य कर रही पुलिस ने मामले की जांच की। इस मामले में पहली चार्जशीट दिसंबर 2019, दूसरी फरवरी 2020 और तीसरी चार्जशीट सात फरवरी 2023 को दाखिल की गई। चार्जशीट हजारों पन्ने की है।

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शेखावत ने कहा कि इन हजारों पन्नों की चार्जशीट में न तो मुझे, न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया गया है। ऐसे में मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से झूठ बोलकर कहीं पुलिस को कोई संकेत तो नहीं दे रहे हैं।  शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने बेटे की हार का खीझ तो नहीं उतार रहे है। शेखावत ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उन्होंने मुझे भगोड़ा कहा, मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं, ऐसा कहा। मुझे कई तरह के संज्ञाएं दीं। मुझे नाकारा, निकम्मा, अर्कमण्य और इनकॉम्पिटेंट, डरकोप तक कहा। कोरोना में जितनी संज्ञाएं अपने पार्टी के नेता को दी थीं, उन्होंने वो सारी संज्ञाएं मुझे देने की कोशिश की है।