राजस्थान के विधायकों की भी बल्ले बल्ले, एक्सक्लुसीव फुटेज में जानें अब सैलेरी में मिलेगी इतनी रकम, सरकार कर रही तैयारी
राजस्थान के विधायकों की सैलरी में जल्द ही बढ़ोतरी होने जा रही है। भजनलाल शर्मा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार विधायकों के मूल वेतन में करीब 10 प्रतिशत की वृद्धि करने पर विचार कर रही है। इस प्रस्ताव पर वित्त विभाग और संसदीय कार्य विभाग के बीच मंथन चल रहा है और जल्द ही इसे विधानसभा में पेश किया जा सकता है।
फिलहाल राजस्थान में एक विधायक का मूल वेतन 40,000 रुपए प्रति माह है। इसके अलावा विभिन्न भत्ते जैसे यात्रा भत्ता, कार्यालय भत्ता, टेलीफोन और स्टाफ भत्ता मिलाकर उन्हें कुल 1 लाख 47 हजार रुपए प्रतिमाह मिलते हैं। प्रस्तावित वृद्धि के अनुसार, विधायकों का मूल वेतन 4,000 रुपए बढ़कर 44,000 रुपए प्रति माह हो जाएगा। यानी सालभर में उन्हें 48,000 रुपए अतिरिक्त मूल वेतन मिलेगा।
वित्तीय भार सीमित, राजनीतिक चर्चा व्यापक
सूत्रों के अनुसार, सैलरी में यह बढ़ोतरी बहुत बड़ी नहीं है, इसलिए राज्य के वित्तीय बजट पर इसका भारी असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, राजनीतिक हलकों में इस प्रस्ताव को लेकर चर्चा तेज हो गई है। विपक्षी दलों का मानना है कि सरकार को पहले जनता की जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए, जबकि सत्ताधारी दल इसे विधायकों के कार्यदायित्वों और बढ़ते खर्च के मद्देनजर जरूरी बता रहा है।
पिछले वर्षों में भी हुई हैं सैलरी में बढ़ोतरी
राजस्थान में विधायकों के वेतन और भत्तों की समीक्षा समय-समय पर होती रही है। पिछली बार 2018 में विधायकों के वेतन में संशोधन किया गया था। तब भी मूल वेतन और भत्तों में करीब 20% की वृद्धि हुई थी। नए प्रस्ताव को लेकर अब यह उम्मीद जताई जा रही है कि मौजूदा सत्र में इस पर सहमति बन सकती है।
अन्य राज्यों से तुलना
राजस्थान के विधायकों की सैलरी अन्य राज्यों की तुलना में औसत के करीब है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना जैसे राज्यों में विधायकों को हर महीने 2 लाख रुपए से अधिक की कुल सैलरी मिलती है। वहीं राजस्थान में यह आंकड़ा अब भी 1.5 लाख रुपए से कम है, जिस आधार पर राज्य सरकार बढ़ोतरी को न्यायसंगत बता रही है।
अंतिम फैसला विधानसभा सत्र में
माना जा रहा है कि विधानसभा के आगामी सत्र में यह प्रस्ताव विधिवत रूप से प्रस्तुत किया जाएगा और बहुमत के साथ पारित होने की संभावना है। सरकार का तर्क है कि मौजूदा महंगाई, ईंधन दरें और आवश्यक खर्चों के अनुरूप विधायकों के वेतन में संशोधन जरूरी हो गया है।
