Rajasthan में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ को लेकर स छिड़ा सियासी घमासान, आज हाई कोर्ट में सुनवाई
जयपुर न्यूज़ डेस्क, राजस्थान भाजपा सरकार ने दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया है. लेकिन उनके शपथ लेने पर विवाद छिड़ गया था. इस मामले में वकील ओमप्रकाश सोलंकी ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि संविधान में उपमुख्यमंत्री के पद का कोई जिक्र नहीं है, इसलिए उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ लेना अवैध है. इस मामले पर राजस्थान हाईकोर्ट में आज सुनवाई होगी. b 15 दिसंबर को सांगानेर विधायक भजनलाल शर्मा ने मुख्यमंत्री तो विद्याधर नगर से विधायक दीया कुमारी और दूदू विधायक प्रेमचंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
कांग्रेस के नेताओं ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर आपत्ति जताई थी. अब वकील ओमप्रकाश सोलंकी ने जनहित याचिका दायर की थी और अब उसी पर हाईकोर्ट की जयपुर बेंच में सुनवाई हो रही है. सुनवाई के पहले दिन निजी पक्षकार के रूप में उपस्थित होने के बावजूद ओमप्रकाश सोलंकी के यूनिफॉर्म पहनने पर जज ने आपत्ति जताई. इसके बाद सुनवाई 5 जनवरी तक के लिए टाल दी गई थी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने कहा कि, निजी पक्षकार के तौर पर वकील यूनिफॉर्म पहन कर पैरवी नहीं कर सकते, ऐसा करने के लिए यूनिफॉर्म उतारना होगा. और इसके बाद सुनवाई के लिए नई तारीख 5 जनवरी की तय की गई थी राजस्थान में इन दोनों से पहले अब तक 5 उपमुख्यमंत्री बन चुके हैं. पिछली सरकार में सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, हालांकि उन्होंने कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली थी. दोनों उपमुख्यमंत्री के जरिये भाजपा ने कई समीकरण साधे हैं.
कब-कब बने राजस्थान में उप-मुख्यमंत्री
राजस्थान में पहली बार उप-मुख्यमंत्री देश में चुनाव के समय ही बने थे.1952 में हुए पहले चुनाव में राजस्थान के मुख्यमंत्री जयनारायण व्यास बने तब महवा से विधायक टीकाराम पालीवाल प्रदेश के पहले उप-मुख्यमंत्री बने. उसके बाद 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा जीती और भैरोसिंह शेखावत मुख्यमंत्री बने, जिसके 1 साल बाद रतनगढ़ से विधायक रहे हरिशंकर भाभरा 6 अक्टूबर 1994 को प्रदेश के दूसरे उप-मुख्यमंत्री बनाए गए. उनका कार्यकाल 4 साल 54 दिन रहा.
2003 में पहले बार बने थे दो उप-मुख्यमंत्री
1998 में हुए चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी. अशोक गहलोत पहली बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने. उसके बाद साल 2003 के दिसंबर महीने में विधानसभा चुनाव होने थे और पार्टी ने चुनावी साल के जनवरी महीने में बनवारी लाल बैरवा और कमला बेनीवाल को डिप्टी सीएम बनाया गया था. यह पहली बार था जब प्रदेश में दो उप-मुख्यमंत्री बनाए गए थे.