Rajasthan में अप्रैल से 15 फ़ीसदी बढ़ जाएगी 65000 सरकारी स्कूलों के इन कर्मचारियों की सैलरी, मदन दिलावर का ऐलान
राजस्थान विधानसभा में सोमवार को औषधि विभाग, सरकारी स्कूलों में रसोइया-सह-सहायकों के वेतन और न्याय व्यवस्था की कमजोरियों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। सरकार ने ड्रग माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया। शिक्षा मंत्री ने रसोइया-सह-सहायकों का मानदेय बढ़ाने की बात कही, लेकिन इसे न्यूनतम वेतन में शामिल करने का मामला श्रम विभाग पर छोड़ दिया। विधायकों ने न्यायिक प्रणाली को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। अधिकारियों की अनुपस्थिति को लेकर भी सवाल उठाए गए।
अनाधिकृत दवाओं की बिक्री का मुद्दा उठाया गया।
विधायक गुरवीर सिंह ने औषधि विभाग में व्याप्त अनियमितताओं और अनाधिकृत दवाओं की बिक्री का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि श्रीगंगानगर में बिना डॉक्टर की पर्ची के दवाइयां बेची जा रही हैं, जिससे नशे की समस्या बढ़ रही है। मेडिकल स्टोर खोलने के लिए सख्त मापदंड तय करने तथा पिछले बजट में घोषित 10 नशा मुक्ति उपचार केंद्रों की स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह ने बताया कि एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। गंगानगर क्षेत्र में कुछ दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। औषधि विभाग नियमित रूप से दवा दुकानों का निरीक्षण कर रहा है, जल्द ही सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रविन्द्र भाटी ने रसोइयों-सह-सहायकों के कम वेतन का मुद्दा उठाया
विधायक रविन्द्र भाटी ने सरकारी स्कूलों में कार्यरत रसोइयों एवं सहायकों के कम वेतन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 65,000 सरकारी स्कूलों में मध्याह्न भोजन तैयार करने वालों को केवल 3,000 रुपये प्रति माह का भुगतान किया जा रहा है। इसे न्यूनतम मजदूरी कानून में शामिल किया जाना चाहिए।
इसका जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पहले यह मानदेय 1000 रुपए था, अब इसे बढ़ाकर 2143 रुपए कर दिया गया है। अप्रैल से इसमें 15% की और वृद्धि की जाएगी, जिससे यह 2,800 रुपये हो जाएगी। चूंकि उनके पास कोई पद नहीं है, इसलिए उन्हें न्यूनतम मजदूरी कानून में शामिल नहीं किया जा सकता। श्रम विभाग इस मामले की जांच करेगा।
