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राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा का तीखा हमला! 'सरकारें नहीं सर्कसें चल रही हैं', विधायकों पर लगाया समाज को बांटने का आरोप

 
राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा का तीखा हमला!  'सरकारें नहीं सर्कसें चल रही हैं', विधायकों पर लगाया समाज को बांटने का आरोप

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने अध्यक्ष के रूप में अपने पाँच साल पूरे कर लिए। इस अवसर पर जयपुर कांग्रेस मुख्यालय में कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उनका स्वागत और अभिनंदन किया। मीडिया से बातचीत करते हुए डोटासरा ने मौजूदा भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार नहीं, बल्कि एक सर्कस चल रहा है। विधायक थाने की कुर्सियों पर बैठे हैं, बजरी माफिया खुलेआम हावी है और कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।

डोटासरा ने हाल ही में आई बाढ़ और बारिश से हुई मौतों पर सरकार की चुप्पी को अमानवीय बताया। उन्होंने कहा कि 12 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है, गाँव तबाह हो गए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने ट्वीट करना भी ज़रूरी नहीं समझा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राज्य में रोज़गार को लेकर कोई नीति नहीं है और सरकार सिर्फ़ कार्यक्रमों और जयंती समारोहों में व्यस्त है। सरकार के पास युवाओं को रोज़गार देने का कोई खाका नहीं है। कोरी घोषणाओं और आयोजनों से पेट नहीं भरता।

''भाजपा विधायक थानों में अफसरों की कुर्सियों पर बैठे नज़र आ रहे हैं''

भाजपा के कामकाज पर तंज कसते हुए डोटासरा ने कहा कि हमारे समय में किसी ज़िले के लिए जो भी बजट खर्च होता था, वो डेढ़ साल में ही खत्म हो गया। लेकिन ज़मीन पर काम कहीं नज़र नहीं आ रहा। भाजपा विधायक थानों में अफसरों की कुर्सियों पर बैठे नज़र आ रहे हैं। जनप्रतिनिधियों और अफसरों की कुर्सियाँ अलग-अलग होती हैं। किसी जनप्रतिनिधि का अफसर की कुर्सी पर बैठना ग़लत परंपरा है। सत्ता में होने का मतलब ये नहीं कि शिष्टाचार और मर्यादा को दरकिनार कर दिया जाए।

'समाज को बाँटने की साज़िश है''

भाजपा पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए डोटासरा ने कहा कि विधायक थानों में बैठकर पुलिस को धमका रहे हैं। हिंदू-मुस्लिम के नाम पर समाज को बाँटने की साज़िश है। लोगों का ध्यान असली मुद्दों से भटकाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण को हथियार बनाया जा रहा है।

"हम ज़मीनी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं"
निकाय चुनाव न कराए जाने पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियादी इकाइयों को कमज़ोर किया जा रहा है। भाजपा चाहती है कि चुनाव न हों ताकि मनमाने नामांकन हो सकें। अपने पाँच साल के कार्यकाल के बारे में डोटासरा ने कहा कि वे संगठन को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं और पार्टी आगामी चुनावों के लिए पूरी तरह तैयार है। हम ज़मीनी मुद्दों को लेकर जनता के बीच जा रहे हैं।