आईपीएस अफसर से धक्का-मुक्की के मामले पर अशोक गहलोत ने बोला हमलान, वीडियो में जानें सरकार पर लगाए घिनौने आरोप
राजस्थान की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास (CMR) या मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) में एक आईपीएस अधिकारी को थप्पड़ मारे जाने की चर्चाओं पर राज्य सरकार से सार्वजनिक सफाई देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और यदि ऐसी कोई घटना हुई है तो सरकार को खुलकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
गहलोत ने एक प्रेस वार्ता में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "मैं भी ये बातें सुन रहा हूं। काफी दिन से ऐसी चर्चाएं हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय या मुख्यमंत्री निवास में किसी आईपीएस अधिकारी के साथ धक्का-मुक्की हुई है, थप्पड़ मारा गया है। अब क्या हुआ है, क्या नहीं हुआ, इसकी सही जानकारी सरकार को ही है। अगर आपके पास जानकारी है तो आप बताइए।"
अफसरों की गरिमा से जुड़ा मामला
गहलोत ने इस मामले को अधिकारियों की गरिमा और प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़ा हुआ बताया। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी मुख्यमंत्री निवास जैसी संवेदनशील जगह पर अपमानित होता है या उसके साथ मारपीट होती है, तो यह न केवल उस व्यक्ति विशेष बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र के लिए चिंता की बात है।
गहलोत ने तंज करते हुए कहा कि, "ऐसी घटनाएं पहले कभी नहीं सुनी गई थीं। अगर यह सच है, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं।"
बीजेपी सरकार पर निशाना
हालांकि गहलोत ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को भाजपा सरकार पर अप्रत्यक्ष हमला माना जा रहा है। गहलोत ने कहा कि सरकार को पारदर्शिता के साथ इस मसले पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, ताकि अफवाहें न फैलें और प्रशासनिक व्यवस्था पर लोगों का विश्वास बना रहे।
सोशल मीडिया पर चर्चा तेज
आईपीएस अधिकारी के साथ कथित दुर्व्यवहार को लेकर सोशल मीडिया पर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि अब तक किसी भी आधिकारिक स्रोत या खुद अधिकारी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है। सरकार की ओर से भी इस विषय में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है।
विपक्ष मांग सकता है विधानसभा में जवाब
माना जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर विपक्ष आगामी विधानसभा सत्र में सरकार से औपचारिक जवाब मांग सकता है। अगर यह मामला सच है, तो यह सरकार के लिए बड़ी असहज स्थिति पैदा कर सकता है।
अब देखना यह है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा या राज्य सरकार की ओर से इस पूरे मामले पर कोई आधिकारिक बयान आता है या नहीं। फिलहाल, इस मसले पर पूरे प्रदेश की निगाहें टिकी हुई हैं।
