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राजस्थान में बिना कन्वर्जन और 90ए के सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक, वीडियो में देखें रजिस्ट्री कार्यालयों में कामकाज ठप

राजस्थान में बिना कन्वर्जन और 90ए के सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक, वीडियो में देखें रजिस्ट्री कार्यालयों में कामकाज ठप
 
राजस्थान में बिना कन्वर्जन और 90ए के सोसायटी पट्टों की रजिस्ट्री पर रोक, वीडियो में देखें रजिस्ट्री कार्यालयों में कामकाज ठप

प्रदेश में भूमि एवं आवासन से जुड़े मामलों को अधिक पारदर्शी और कानूनी दायरे में लाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब बिना भूमि कन्वर्जन और 90ए की प्रक्रिया पूरी किए किसी भी सोसायटी के प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं हो सकेगी। इस संबंध में रजिस्ट्रेशन एक्ट-2021 में किए गए संशोधन को मंगलवार से प्रदेशभर में लागू कर दिया गया है। नई व्यवस्था लागू होते ही रजिस्ट्री कार्यालयों में कामकाज लगभग ठप हो गया, जिससे आवेदकों और दस्तावेज तैयार करवाने वालों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, यदि किसी जमीन का कृषि से गैर-कृषि उपयोग के लिए निर्धारित भूमि उपयोग परिवर्तन (कन्वर्जन) नहीं हुआ है या वह 90ए के दायरे में शामिल नहीं है, तो ऐसे प्लॉट की रजिस्ट्री नहीं की जाएगी। अगर ऐसे किसी मामले में रजिस्ट्री की जाती है, तो उसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित उप रजिस्ट्रार की होगी। इस सख्त प्रावधान के लागू होने के बाद अधिकारी भी सतर्क हो गए हैं, जिस कारण बुधवार को अधिकांश रजिस्ट्री कार्यालयों में फाइलों का निपटारा न के बराबर हुआ।

इस नई व्यवस्था के तहत जब भी कोई व्यक्ति सोसायटी के प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने पहुंचेगा, उसे यह प्रमाणित करना होगा कि जिस भूखंड की रजिस्ट्री होनी है, उसका भूमि उपयोग कृषि से आवासीय या अन्य आवश्यक उपयोग के लिए विधिवत परिवर्तित हो चुका है। साथ ही, प्लॉट 90ए के तहत नियमित है या नहीं, इस संबंध में भी दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। यदि खरीदार आवश्यक प्रमाण पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाता, तो रजिस्ट्री आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

प्रदेश में हाल के वर्षों में अनियमित कॉलोनाइज़र, गैर-अनुमोदित सोसायटियों और कृषि भूमि पर अवैध रूप से प्लॉटिंग की समस्या बड़े स्तर पर बढ़ी है। ऐसे में सरकार का यह निर्णय इस दिशा में एक कड़ा और प्रभावी कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस संशोधन से आम नागरिकों के साथ होने वाली धोखाधड़ी पर रोक लगेगी और केवल वैध रूप से विकसित कॉलोनियों में ही खरीद-फरोख्त संभव होगी। इससे शहरों का व्यवस्थित विकास सुनिश्चित होगा और अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर भी लगाम कसेगी।

हालांकि, नए नियम लागू होने से रजिस्ट्री कार्यालयों में कामकाज बाधित होना स्वाभाविक है। कई फाइलें अधर में अटक गई हैं और जमीन खरीदने वाले लोग बिना जानकारी के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। डॉक्यूमेंट राइटर्स और दलाल भी नई व्यवस्था से असमंजस में हैं, क्योंकि उन्हें अब हर फाइल के साथ अतिरिक्त कागजात की जांच और प्रमाणिकता सुनिश्चित करनी होगी।

राज्य सरकार का कहना है कि अवैध प्लॉटिंग को रोकना और नागरिकों को सुरक्षित निवेश का वातावरण देना इस फैसले का मुख्य उद्देश्य है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे जागरूकता अभियान चलाकर लोगों को नियमों की जानकारी दें और आवश्यक दस्तावेजों की सूची उपलब्ध कराएं। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में प्रक्रिया सुचारू होने के बाद रजिस्ट्री दफ्तरों में कामकाज सामान्य हो जाएगा।