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Rajasthan Assembly Elections 2023: विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट में नहीं हुई सुलह, पायलट के दिल्ली दौरे को लेकर सियासत में हलचल

 
Rajasthan Assembly Elections 2023: विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत और पायलट में नहीं हुई सुलह, पायलट के दिल्ली दौरे को लेकर सियासत में हलचल

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले है और कांग्रेस में अभी भी घमासान मचा हुआ है। विधानसभा का चुनाव सिर पर है लेकिन सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के बीच सुलह होने का नाम नहीं ले रही है।  वसुंधरा राजे के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन के बाद सचिन पायलट देर रात दिल्ली पहुंच गए हैं।  दिल्ली पहुंचकर उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलकर रिपोर्ट सौंपी है।  

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सचिन पायलट के दिल्ली दौरे को लेकर राजस्थान की सियासत में हलचल पैदा हो गई है।  दिल्ली में सचिन पायलट की कई नेताओं से गुप्त मुलाकातों की भी चर्चाएं हैं। वहीं पायलट का अगला कदम क्या होगा इसको लेकर भी अभी कुछ भी साफ नहीं है। कल अनशन खत्म करने के बाद सचिन पायलट ने जिस तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की बात कही थी उससे यही अनुमान लगाया जा रहा है कि पायलट गहलोत गुट पर अपने हमले जारी रखेंगे। वहीं पायलट के अनशन को लेकर कांग्रेस हाईकमान की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पायलट और गहलोत के बीच सुलह कराने में प्रियंका वाड्रा  आगे आ सकती हैं। बताया जा रहा है कि पायलट प्रियंका वाड्रा के संपर्क में हैं। इससे पहले भी प्रिंयका वाड्रा दोनों के बीच सुलह करा चुकी हैं। 

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सचिन पायलट के अनशन को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं। जब पायलट ने अनशन का एलान किया था तो कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी ने इसे पार्टी विरोधी गतिविधि बताया था लेकिन उसके बाद कांग्रेस की ओर से सचिन पायलट को लेकर कोई बयान नहीं  आया। इससे आसार लग रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच जल्द सुलह कराई जा सकती है। दरअसल दोनों के बीच यह लड़ाई कुर्सी की है, पिछले विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की सरकार बनी थी तो हाईकमान ने तय किया था कि पायलट और गहलोत ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे, लेकिन ऐसा हो न सका और दोनों के बीच मतभेद शुरू हो गए।