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Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले फिर उठी जातीय वर्चस्व की लड़ाई, भरतपुर में चुनावों से 7 महीने पहले खेल शुरू

 
Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले फिर उठी जातीय वर्चस्व की लड़ाई, भरतपुर में चुनावों से 7 महीने पहले खेल शुरू

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले है और अब सभी राजनीतिक दल रणनीति बनाने में  जुट गए है। वहीं राजस्थान में जातीय वर्चस्व को लेकर एक बार फिर लड़ाई देखने को मिल रही है। दरअसल जातियों के वर्चस्व के हिसाब से बंटे राजस्थान के हर जिले में अपने आराध्य की मूर्ति को लेकर लोग काफी संवेदनशील होते हैं।  ऐसे में मूर्ति लगाने को लेकर विवाद होते देर नहीं लगती है और ऐसा ही चुनावो से पहले बड़ा खेल भरतपुर में देखने को मिला है। भरतपुर में मूर्ति लगाने को लेकर बवाल हो गया जहां सड़कों पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया और आगजनी की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक जिले के नदबई इलाके में महाराजा सूरजमल और डॉ. भीमवराव अंबेडकर की मूर्ति स्थापना को लेकर विवाद हो गया जिसके बाद ग्रामीण सड़कों पर आ गए जिसके बाद मौके पर पुलिस ने पहुंचकर आंसू गैस के गोले छोड़े है। इस दौरान भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया और इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया है। 

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बता दे कि कि भरतपुर के कुम्हेर इलाके में आज से करीब 38 साल पहले भी जातीय टकराव देखने को मिला था जो कुम्हेर कांड के नाम से जाना जाता है। इस दौरान हुई जातीय कड़वाहट में जाट और जाटव समुदाय आमने सामने हो गए थे जिसके बाद हुए बवाल में कई लोगों की जानें भी गई थी और इलाके में काफी दिनों तक तनाव बना रहा है। जातियों के वर्चस्व के हिसाब से बंटे राजस्थान के हर जिले में अपने आराध्य की मूर्ति को लेकर लोग काफी संवेदनशील होते हैं। ऐसे में मूर्ति लगाने को लेकर विवाद होते देर नहीं लगती है। इसके अलावा नदबई विधायक जोगिंदर अवाना बसपा से कांग्रेस में आए हैं और स्थानीय लोगों में उनके खिलाफ पार्टी से गद्दारी करने की वजह से लंबे समय से नाराजगी थी जो चुनावों से पहले फिर ताजा है। वहीं अब अवाना की जीत में अहम भूमिका निभाने वाला एससी वोटबैंक चुनावों में उनका खेल बिगाड़ सकता है। 

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महाराजा सूरजमल जाटों के आराध्य माने जाते हैं और मंत्री विश्वेंद्र सिंह की डीग-कुम्हेर इलाके में जाट वोटबैंक पर अच्छी खासी पकड़ है। ऐसे में मूर्ति को लेकर जातियों का आपसी संघर्ष चुनावों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। इसके अलावा भरतपुर को करीब से देखने वाले कुछ लोगों का कहना है कि भरतपुर राजपरिवार की पूर्व सदस्य राजा मान सिंह की बेटी पूर्व मंत्री कृष्णनेन्द्र कौर दीपा नदबई से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहती है और विश्वेंद्र सिंह और कृष्णनेन्द्र के बीच रिश्तों में तल्खियां भी हैं। वहीं नदबई से कांग्रेस में शामिल हुए बसपा विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना को लेकर स्थानीय लोगों के बीच चर्चा है कि विधायक ने बसपा के टिकट पर चुनाव जीता, फिर कांग्रेस में चले गए और बहुजन समाज पार्टी के एससी वोटबैंक के साथ गद्दारी की और अब चुनावों में अवाना को सबक सिखाने की चर्चा भी चल रही है।