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Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान में सपा ने किया बदलाव, अब नए सिरे से किया जायेंगा कार्यकारिणी का गठन

 
Rajasthan Assembly Election 2023: विधानसभा चुनावों से पहले राजस्थान में सपा ने किया बदलाव, अब नए सिरे से किया जायेंगा कार्यकारिणी का गठन

जयपुर न्यूज डेस्क। राजस्थान में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले और राजस्थान बीजेपी संगठन ने बड़ा बदलाव करते हुए प्रदेशाध्यक्ष के साथ नेता प्रतिपक्ष का बदलाव किया है। अब राजस्थान में सपा यानि समाजवादी पार्टी में भी बड़ा बदलाव किया है। समाजवादी पार्टी ने राजस्थान में पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।  समाजवादी पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से यह जानकारी दी है।   बता दें कि राजस्थान में अब विधानसभा चुनावों को कुछ ही समय बचा है।  माना जा रहा है कि पार्टी चुनावों को देखते हुए प्रदेश कार्यकारिणी का नए सिरे से गठन कर सकती है। इस कार्यकारिणी में कुछ नए चेहरों को भी जगह मिल सकती है। 

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बता दें कि पिछले महीने अखिलेश यादव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिये कोलकाता दौरे पर गए थे, जहां उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा की थी।  उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रव्यापी जाति जनगणना कराने की मांग करते हुए कहा था कि इस तरह की कवायद ही दिखा सकती है कि केंद्र में बीजेपी ने गरीबों और दलितों के लिए कितना कुछ किया है। उन्होंने हिंडनबर्ग कंपनी द्वारा अडानी समूह के खिलाफ लगाए गए धोखाधड़ी के आरोपों पर भी बीजेपी पर निशाना साधा था। कोलकाता में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में उन्होंने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था, 'जाति जनगणना इस समय भारत के लिए सबसे जरूरी विषय है। साल 2014 के चुनावों में बीजेपी ने अच्छे दिन आएंगे का नारा दिया था। यह बाद में सबका साथ सबका विकास नारे में बदल गया। केवल जाति जनगणना बता सकती है कि बीजेपी ने गरीबों और दलितों के लिये क्या किया है। 

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अखिलेश यादव ने कहा था कि भारत की सभी पार्टियां यह चाहती हैं। यह सीधे तौर पर अधिकारियों के लिए लड़ रहे लोगों से जुड़ा मुद्दा है। इसके बिना सामाजिक न्याय प्रदान करना असंभव है।  अगर प्राथमिकताएं तय नहीं की गईं तो बी आर अंबेडकर के सपने कभी पूरे नहीं होंगे। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे तो मुलायम सिंह यादव, शरद यादव, लालू प्रसाद यादव और दक्षिण भारत के राज्यों के नेताओं ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी और जाति जनगणना की मांग रखी थी। पी चिदंबरम ने इसका भरोसा दिलाया था लेकिन बाद में कांग्रेस इससे मुकर गई है।