जमकर बरसे मेघा से खिले किसानों के चेहरे, जानें किन फसलों को हुआ फायदा और नुकसान

श्रावण के दूसरे महीनें में बारिश नहीं होने के कारण किसानों की ओर से बोई गई खरीफ की फसल के रूप में मूंग, उड़द, तिल, ग्वार और मक्का की फसल में भारी नुकसान हुआ है. वहीं सावन बीतने के बाद फिर मानसून सक्रिय हो गया है. पिछले कुछ दिन से लगातार तेज और उमस बढ़ती जा रही थी. ऐसे में कई दिनों बाद मौसम में परिवर्तन देखने को मिला. भीलवाड़ा में औसत बरसात का आंकड़ा पूरा करने के लिए 214 मिमी बरसात की जरूरत है. जिले में सबसे पहले भरने वाला गोवटा बांध भर नहीं पाया. 27 फीट भराव क्षमता के गोवटा में वर्तमान में अभी 24 फीट पानी है. अब तक जिले के जलाशयों में भराव क्षमता का 31 प्रतिशत पानी है.
मौसम विभाग ने दे रखी है चेतावनी
मौसम विभाग ने भी राजस्थान के कई जिलों में बारिश होने की चेतावनी दे रखी है. इसी के चलते आज मौसम विभाग की चेतावनी सही साबित हुई. भीलवाड़ा जिले में लगभग 60 तालाब और बांध हैं. जिसमें से अभी तक दो बांध लबालब हुए हैं. बाकी सभी बांध पानी का इंतजार कर रहे हैं. दो बांध में भी बिपरजॉय तूफान के समय पानी आया था.