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Jaipur में पेंशन एवं आरजीएचएस में आने वाली समस्याओं एवं जिलों के उत्कृष्ट योगदान पर हुआ विचार-विमर्श

 
Jaipur में पेंशन एवं आरजीएचएस में आने वाली समस्याओं एवं जिलों के उत्कृष्ट योगदान पर हुआ विचार-विमर्श
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजस्थान पेंशनर समाज की ओर से केंद्रीय कार्यालय महात्मा गांधी राज्य स्तरीय पेंशनर भवन हसनपुरा में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में पेंशनर समाज के पदाधिकारियों की मौजूदगी में वार्षिक उत्सव व सम्मान समारोह के आयोजन करने के साथ ही पेंशन RGHS में आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही जिलों के बकाया अंशदान पर चर्चा और वसूली सहित अन्य मुद्दे पर चर्चा की गई। इस दौरान राजस्थान पेंशनर समाज के अध्यक्ष शंकर सिंह मनोहर ने प्रदेश के पदाधिकारियों को संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि हम हमारी मांगों को लेकर सरकार तक अपना पक्ष रखेंगे। इस बैठक में पेंशनर समाज के पदाधिकारियों की मौजूदगी में वार्षिक उत्सव व सम्मान समारोह के आयोजन करने के साथ ही पेंशन RGHS में आ रही समस्याओं पर चर्चा की गई। इसके साथ ही जिलों के बकाया अंशदान पर चर्चा और वसूली सहित अन्य मुद्दे पर चर्चा की गई।

बैठक का ऐजेंडा

1. ओपीडी लिमिट को हटवाने अथवा एक दिन में ही राशि वृद्धि करने की व्यवस्था की जाये। अनावश्यक रिजेक्शन / आब्जेक्शन नहीं लगाये जायें।

2. विभिन्न प्रकार की अनेक बीमारियों होने के कारण ओपीडी की राशि बढ़ाये जाने हेतु बीमारियों की सूची में "Any Other Disease" को भी सम्मिलित किया जाए।

3. अनेकों दवाइयों ऐसी हैं जो चिकित्सक के द्वारा लिखने के बावजूद नहीं दी जाती हैं। बीमारी विशेष के सम्बन्ध में चिकित्सक विशेषज्ञ ज्यादा समझते हैं और बीमारी के अनुरूप ही दवाइयों लिखते हैं। चिकित्सक द्वारा लिखी सभी दवाइयों दी जायें तथा कैल्सियम, आइरन, विटामिन आदि से सम्बन्धित दवाइयों पेंशनर को दी जायें।

4. पेंशनर वरिष्ठ नागरिक हैं और 60 वर्ष से अधिक आयु के ही होते हैं। उन्हें ओनलाइन परामर्श की सुविधा मिलनी चाहिए। लगभग सभी होस्पीटल्स में यह व्यवस्था है। अथवा डॉक्टर को घर पर बुलाकर दिखाने का प्रावधान किया जाये।

5. एक दिन में तीन ओ.पी.डी. परामर्श लिये जाने के प्रावधान के बावजूद पेंशनर के लिये प्रतिदिन मात्र एक ओपीडी एवं प्रतिमाह एक कार्ड पर अधिकतम मात्र 6 टीआईडी की सीमा को भी अविलम्ब हटाया जाना चाहिए।

6. आईपीडी के लिये प्री-अप्रूवल की व्यवस्था को तुरन्त समाप्त कर बीमार पेंशनर को चिकित्सालय में अविलम्ब भर्ती कर समुचित इलाज कराये जाने की व्यवस्था हेतु निर्देश जारी करने का कष्ट करें।

7. जिन अस्पतालो ने ओ.पी.डी. बन्द कर रखी है, ऐसे अस्पतालों द्वारा RGHS के अन्तर्गत राशि जमा करवाकर ओ.पी.डी. में दंवा लिखी जाती है। कृपया इन पर्चियों से भी सूचीबद्ध फार्मा से निशुल्क दवा दिलवाने की व्यवस्था की जाये।

8. आरजीएचएस द्वारा प्रतिबन्धित और देय दवाइयों की सूची का रिव्यू करवाया जाए और पेंशनर के लिये आवश्यक सभी दवाइयाँ निर्बाध रूपसे उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जाए। पेंशनर के लिये अति आवश्यक कैल्सियम, विटामिन, आइरन आदि से सम्बन्धित दवाइयों को चालू करवाया जाए।

9. आर.जी.एच.एस. कार्ड कैटेगरी में संशोधन विभाग स्तर पर स्वतः करने की व्यवस्था की जाए अथवा इसकी प्रक्रिया को सरल किया जाये।

10. RGHS की वेवसाइट पर सूचनायें अपटेड नहीं होती हैं। कृपया समस्त आदेश वर्गीकृत करते हुए वित्त विभाग की तर्ज पर RGHS की बेव साइट पर उपलब्ध करवायें जायें।

11. पेंशनर की समस्याओं के निवारण के लिए बनायी गयी mail.helpd.pensioner. rghs@rajasthan.gov.in प्रभावी नहीं है तथा 181 पर भी समस्याओं का समयबद्ध निवारण करवाया जाना चाहिये। शिकायत दर्ज व निवारण का Responsive system डेवलप किया जाये।

12. पेंशनरों को वर्ष में एक बार सम्पूर्ण जाँच की सुविधा दी जानी चाहिये, ताकि कुछ जाँचें बार-बार नहीं करवानी पड़े।

13. पेंशनरों द्वारा नियमानुसार देय पुनर्भरण हेतु बिलों को Reject कर दिया जाता है।

इस बाबत पारदर्शी एवं जवाबदेही व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। 14. सभी निजी अनुमोदित अस्पतालों में पेंशनर्स के लिए हैल्पडेस्क, अलग से लाईन, या बैठने की व्यवस्था कर, कमवार देखने / बुलाने की व्यवस्था होनी चाहिए।

15. जिला स्तर पर जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में RGHS की गठित समितियों की नियमित बैठक आयोजित करवायी जायें। कमेटी अपने जिले में समय-समय पर अस्पतालों व फार्मा स्टोर्स का आकरिमक निरीक्षण कर अनियमितताओं पर भी विचार करें।

16. प्रदेश स्तर पर निगरानी कमेटी का गठन किया जाये, जिसमें राजस्थान पेंशनर

समाज को भी शामिल किया जाये।

17. RGHS द्वारा जारी समस्त आदेश / परिपत्र आदि की प्रतियाँ राजस्थान पेंशनर समाज को पृष्ठांकित कर उपलब्ध करवाये जायें।

18. प्रिस्किप्शन एवं मेडीकल स्टोर द्वारा जारी किये गये बिलों के विवरण को देखने का प्रावधान भी ओपीडी / आईपीडी बैलेंस ट्रेकर में किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। कृपया इसे चालू करवाने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करे।

19. अनुमोदित फार्मा स्टोर के बिलों का भुगतान समयबद्ध किये जाने की प्रकिया पारदर्शी हो। अनावश्यक रिजेक्शन एवं डिडक्शन नहीं किये जायें। फार्मा स्टोर द्वारा दवाइयों देना बन्द कर देने पर पेंशनर्स को परेशानियों होती हैं।

20. पेंशनर के साथ वादी/प्रतिवादी के समान व्यवहार नहीं होना चाहिए। राज्य सरकार से चिकित्सा सुविधा प्राप्त करना प्रत्येक पेंशनर का मौलिक अधिकार है और राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। कृपया व्यवस्था को व्यवहारिक बनाने हेतु निर्देशित कर अनुगृहीत करें।