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पीएम मोदी को मिला मॉरीशस का सर्वोच्च सम्मान, वायरल फुटेज में देखिए मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह की झलकियां

मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मॉरीशस दौरे का आज दूसरा दिन है। आज के समारोह में भारतीय सेना की एक टुकड़ी, नौसेना का एक वॉरशिप और एयरफोर्स की आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम भी इस समारोह में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी को मॉरीशस के सर्वोच्च पुरस्कार 'द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार एंड की ऑफ द इंडियन ओशन' दिया गया।  
 

 
पीएम मोदी को मिला मॉरीशस का सर्वोच्च सम्मान, वायरल फुटेज में देखिए मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह की झलकियां 

जयपुर न्यूज़ डेस्क- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉरीशस यात्रा का आज दूसरा दिन है। वे मॉरीशस के 57वें राष्ट्रीय दिवस समारोह में शामिल होने पहुंचे हैं। इस समारोह में पीएम मोदी मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए हैं। मॉरीशस को 12 मार्च 1968 को अंग्रेजों से आजादी मिली थी। 1992 में यह राष्ट्रमंडल के तहत गणतंत्र बना। भारतीय मूल के सर शिवसागर रामगुलाम के नेतृत्व में मॉरीशस को आजादी मिली थी। मॉरीशस इस दिन को राष्ट्रीय दिवस के तौर पर मनाता है। आज के समारोह में भारतीय सेना की एक टुकड़ी, नौसेना का एक युद्धपोत और वायुसेना की आकाश गंगा स्काई डाइविंग टीम भी इस समारोह में हिस्सा ले रही है। इस दौरान भारी बारिश भी हो रही है।


भारत और मॉरीशस के बीच 8 समझौतों पर सहमति
आज सुबह भारत और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच 8 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। पीएम मोदी और मॉरीशस के पीएम ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया।इस दौरान मॉरीशस के पीएम नवीनचंद्र रामगुलाम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारी आजादी की 57वीं वर्षगांठ के राष्ट्रीय दिवस समारोह में अपनी उपस्थिति से हमें गौरवान्वित किया है। उनकी उपस्थिति दोनों देशों के बीच अच्छे संबंधों का प्रमाण है।

साथ ही पीएम मोदी ने कहा
140 करोड़ भारतीयों की ओर से मैं मॉरीशस के लोगों को उनके राष्ट्रीय दिवस पर बधाई देता हूं। यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे एक बार फिर मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस पर यहां आने का अवसर मिला। भारत और मॉरीशस न केवल हिंद महासागर से जुड़े हैं, बल्कि साझा संस्कृति और मूल्यों से भी जुड़े हैं।उन्होंने बताया कि भारत-मॉरीशस साझेदारी को 'बढ़ी हुई रणनीतिक साझेदारी' का दर्जा देने का फैसला किया गया। भारत मॉरीशस में नए संसद भवन के निर्माण में मदद करेगा। पीएम मोदी ने इसे 'लोकतंत्र की जननी' भारत की ओर से मॉरीशस को तोहफा बताया।

पीएम मोदी ने आज मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ और विपक्ष के नेता जॉर्जेस पियरे से भी मुलाकात की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉरीशस के राष्ट्रपति को महाकुंभ का गंगाजल भेंट किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कल मॉरीशस के राष्ट्रपति धरम गोखूल से मुलाकात की। पीएम ने राष्ट्रपति धरम को गंगाजल और उनकी पत्नी को बनारसी साड़ी भेंट की।इस यात्रा में पीएम मोदी दोनों देशों के बीच आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे। 2015 के बाद भारतीय पीएम की यह दूसरी मॉरीशस यात्रा है।

पीएम मोदी ने कहा- मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ ले जाऊंगा पीएम मोदी ने मंगलवार शाम भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की। उन्होंने कहा, 'जब मैं 10 साल पहले इसी तारीख को मॉरीशस आया था, उस साल होली एक हफ्ते पहले ही बीत गई थी, तब मैं भारत से फगवा का उत्साह अपने साथ लेकर आया था। अब इस बार मैं मॉरीशस से होली के रंग अपने साथ भारत लेकर जाऊंगा।'

मॉरीशस की धरती में भारत के पूर्वजों का खून-पसीना गावई गीत में, ढोलक की थाप में, दाल पूरी में, कच्चे में और गटो पीमा में भारत की खुशबू है, क्योंकि यहां की मिट्टी में कितने ही भारतीयों, हमारे पूर्वजों का खून-पसीना मिला हुआ है।आपने मुझे सम्मान दिया है, मैं इसे विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूं। यह उन भारतीयों का सम्मान है जिन्होंने पीढ़ियों तक इस भूमि की सेवा की और मॉरीशस को इस ऊंचाई पर पहुंचाया। मैं इस सम्मान के लिए मॉरीशस के प्रत्येक नागरिक और यहां की सरकार का आभार व्यक्त करता हूं।

भारत के लिए मॉरीशस क्यों खास है भारत को घेरने और हिंद महासागर में अपना दबदबा बढ़ाने के लिए चीन ने पाकिस्तान के ग्वादर, श्रीलंका के हंबनटोटा से लेकर अफ्रीकी देशों तक कई बंदरगाह परियोजनाओं में पैसा लगाया है। इसके जवाब में भारत सरकार ने हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए 2015 में क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (सागर परियोजना) शुरू की।इसके तहत भारत ने मुंबई से 3,729 किलोमीटर दूर मॉरीशस के उत्तरी अगालेगा द्वीप पर सैन्य अड्डे के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है, जिसमें विमानों के लिए रनवे, जेटी और हैंगर शामिल हैं। यहां से भारत और मॉरीशस पश्चिमी हिंद महासागर में चीनी सैन्य जहाजों और पनडुब्बियों पर संयुक्त रूप से नजर रख सकते हैं।