Jaipur प्रेमचंद बैरवा ने कहा- रक्तदान के प्रति युवाओं की रचनात्मकता स्वागत योग्य
जयपुर शहर सांसद मंजू शर्मा ने कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान जैसे पीड़ित मानवता की सेवा के कार्य में युवा पीढ़ी की भागीदारी बहुत ही आवश्यक है, क्योंकि यही पीढ़ी भविष्य के रक्तदाता होंगे। उन्होंने आयोजकों का आभार जताया कि उन्होंने इस नई पीढ़ी को समाज सेवा के इस पवित्र कार्य से जोड़ने का बीड़ा उठाया।एम्स जोधपुर के अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक के निदेशक डॉ. एस एस अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देने और नई पीढ़ी में जागरूकता लाने के उद्देश्य से पोस्टर कंपटीशन प्रतियोगिता में करीब 7 हजार बच्चों ने पोस्टर बनाकर अपनी कल्पना की उडान भरते हुए बेहतरीन स्लोगन्स के साथ अपने पोस्टरों के माध्यम से आमजन को रक्तदान का संदेश दिया जो अत्यन्त सराहनीय कदम है।
राजस्थान हॉस्पिटल के वाइस प्रेसिडेंट डॉ. सर्वेश अग्रवाल ने कहा कि पोस्टर प्रतियोगिता में करीब 7 हजार प्रविष्ठियां आई जिनमें से जूरी के चेयरमैन प्रसिद्ध आर्किटेक्ट अनूप भरतरिया, डिजायनर आंचल गुप्ता तथा आर्टिस्ट उर्वशी सेठी ने अत्यन्त गोपनीयता बरतते हुए प्रतिभाशाली बच्चों की कृतियों को पुरस्कार के लिए चयन किया।
प्रतिभाशाली बच्चे जिन्हें मिले पुरस्कार
इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर रहने वाले साधु वासवानी स्कूल के विद्यार्थी साहिल तुण्डलायत को पुरस्कार स्वरूप 51 हजार रूपये का नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र दिया गया। इसी प्रकार दूसरे स्थान पर प्रेरिका गुप्ता नीरजा मोदी स्कूल और तीसरे स्थान पर सेंट जेवियर सीनियर सेकेंडरी स्कूल की दिव्यांशा रहीं, जिन्हें क्रमश: 21 हजार और 11 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। वही नीरजा मोदी स्कूल की कीर्तिका सोनी, इंडिया ओवरसीज स्कूल की क्रिति शर्मा, दिल्ली पब्लिक स्कूल की पावनी कुमार, माहेश्वरी पब्लिक स्कूल तिलक नगर के साहिल बैरवा, एस जे पब्लिक स्कूल की तनुश्री करौलिया, सीलिंग मॉडर्न हाई स्कूल की निरोशा गुप्ता, राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल गांधीनगर की निधि सेन, धारव हाई स्कूल के यश भिचार, वॉरेन एकेडमी स्कूल की तितिक्षा गुप्ता, महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय सिया गर्ग और भारतीय विद्या भवन विद्याश्रम ओटीएस की प्रिशा वर्मा को 5100-5100 रुपए के सांत्वना पुरस्कार दिए गए। कार्यक्रम में पोस्टर प्रतियोगिता में भाग लेने वाले समस्त स्कूल प्रबंधन को भी प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।