प्रेग्नेंट महिलाओं को अब मुफ्त में मिलेगा घी, खजूर और मखाना, वीडियो में जानें किन 6 पौष्टिक चीजों से भरी होगी किट

राजस्थान सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग ने प्रदेश में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए एक नई और प्रभावशाली पोषण योजना की तैयारी शुरू कर दी है। यह योजना विशेष रूप से अतिकुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है, जिनकी सेहत और पोषण स्तर में सुधार लाना विभाग का प्रमुख लक्ष्य है।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, प्रस्तावित योजना के तहत अतिकुपोषित बच्चों को सप्ताह में 5 दिन तक 25 ग्राम दूध पाउडर दिया जाएगा। इस दूध पाउडर को बच्चों को मिलने वाले नियमित पोषाहार में मिलाकर दिया जाएगा ताकि उनकी शारीरिक विकास दर में सुधार हो सके। पोषण विशेषज्ञों का मानना है कि दूध पाउडर प्रोटीन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत होता है, जो कुपोषण की समस्या से लड़ने में मददगार साबित हो सकता है।
दूसरी ओर, गर्भवती महिलाओं के लिए भी विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। विभाग की योजना के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को "सुपोषण न्यूट्री किट" वितरित की जाएगी, जिसमें 1 किलो देशी घी, मखाना, खजूर, और अन्य पौष्टिक खाद्य सामग्री शामिल होंगी। इन न्यूट्री किट्स का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को आवश्यक पोषण प्रदान करना है जिससे गर्भावस्था के दौरान उनकी और भ्रूण की सेहत बनी रहे।
महिला एवं बाल विकास विभाग की निदेशक ने बताया कि, "हमारा उद्देश्य केवल कुपोषण को कम करना नहीं है, बल्कि गर्भवस्था से ही माताओं और बच्चों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। यह योजना जल्द ही पायलट आधार पर कुछ जिलों में शुरू की जाएगी और फिर राज्यभर में लागू की जाएगी।"
राज्य सरकार की इस पहल को पोषण मिशन 2.0 के तहत एक बड़ा कदम माना जा रहा है। UNICEF और अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं पहले से ही राजस्थान को उच्च प्राथमिकता वाला राज्य मानती हैं जहां कुपोषण का स्तर अपेक्षाकृत अधिक है।
इस योजना में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भूमिका भी अहम होगी। उन्हें प्रशिक्षण देकर यह सिखाया जाएगा कि किस तरह से दूध पाउडर और न्यूट्री किट को लाभार्थियों तक पहुंचाया जाए और साथ ही कुपोषित बच्चों की पहचान, ट्रैकिंग और निगरानी कैसे की जाए।
विशेषज्ञों ने योजना का स्वागत करते हुए कहा है कि यह प्रयास यदि सही क्रियान्वयन और नियमित निगरानी के साथ किया जाए, तो राजस्थान में बच्चों और माताओं के पोषण स्तर में उल्लेखनीय सुधार लाया जा सकता है।
विभाग ने संकेत दिए हैं कि योजना का औपचारिक शुभारंभ अगले कुछ सप्ताह में मुख्यमंत्री की उपस्थिति में किया जा सकता है। इससे पहले सभी ज़िलों में योजनाओं को लागू करने की तैयारी और लॉजिस्टिक सपोर्ट सुनिश्चित किया जाएगा।