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Rajasthan इन तहसीलों में गहराया बिजली संकट, जानें क्या है बड़ी वजह

 
Rajasthan इन तहसीलों में गहराया बिजली संकट, जानें क्या है बड़ी वजह

जयपुर न्यूज़ डेस्क , बिजली सप्लाई के मुख्य स्रोत विद्युत सब स्टेशनों को ठेके पर देने का विवाद थमा नहीं कि अब 132 केवी क्षमता के दूसरे 92 जीएसएस पर संकट गहरा गया है। अनुबंधित कंपनी के इन जीएसएस के ऑपरेशन-मेंटीनेंस से पूरी तरह हाथ खींच लेने से यह हालात बने है। इससे घबराए विद्युत प्रसारण निगम को अपने कर्मचारियों को तत्काल वहां काम संभालने के लिए भेजना पड़ा है।

तकनीकी कर्मचारियों के साथ कनिष्ठ व सहायक अभियंताओं की फिलहाल 15 दिन के लिए नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। इन जीएसएस से करीब 50 तहसीलों में बिजली सप्लाई की जा रही है। यहां लाखों आवासीय व कॉमर्शियल कनेक्शन के साथ-साथ बड़ी संख्या में कृषि कनेक्शनधारी भी हैं। यदि जीएसएस को संभालने में थोड़ी भी काेताही बरती जाती है तो बिजली संकट की आशंका बनेगी। इस बीच निगम ने इन 92 जीएसएस को भी फिर से ठेके पर देने की तैयारी शुरू कर दी है। इस मामले में वास्तविक स्थिति जानने के लिए प्रसारण निगम के मुख्य अभियंता एवं निदेशक ऑपरेशन सुरेश मीना को कॉल और मैसेज किए, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया।

सवाल- पुख्ता बैकअप प्लान क्यों नहीं?

कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारों में जीएसएस को ठेके पर देने का काम हुआ। यह स्थिति नई नहीं है, लेकिन पुख्ता बैकअप प्लान नहीं होने से सवाल खड़े हो रहे हैं। अफसरों को शुरुआती दौर में आभास ही नहीं हुआ कि कंपनी अपनी जिम्मेदारी से भाग रही है। जब जीएसएस पर कंपनी के कर्मचारी नहीं पहुंचे तो खलबली मची।

पहले यह चल रहा

निगम ने पिछले दिनों ही 132 केवी क्षमता के 150 सब स्टेशन को ऑपरेशन-मेंटीनेंस के लिए निजी हाथों में सौंपने पर काम शुरू किया। इस पर करीब 95 करोड़ रुपए खर्च होंगे। इसके पीछे हर बार की तरह कर्मचारियों की कमी का हवाला दिया गया। निगम ने सरकार से भर्ती के लिए स्वीकृति मांग रखी है। अब तक 255 जीएसएस को ठेके पर दिए जा चुके हैं।