किताबों पर फिर गरमाई सियासत! राजस्थान में 12वीं की पुस्तकें होंगी वापस, गहलोत बोले- 'इतिहास छिप नहीं सकता...'
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान सरकार द्वारा 12वीं बोर्ड की किताबों पर रोक लगाने के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने "आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत" किताबों पर प्रतिबंध लगाने के मुद्दे पर भाजपा पर जमकर निशाना साधा। इस फैसले को हास्यास्पद बताते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा सरकार इस सच्चाई को नहीं छिपा सकती। उन्होंने कहा, "यह सच है कि आजादी के बाद ज्यादातर सरकारें कांग्रेस की रहीं और इस देश को ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर ले जाने का श्रेय कांग्रेस सरकारों और प्रधानमंत्रियों को ही जाएगा। भाजपा सरकार इस सच्चाई को नहीं छिपा सकती।"
"क्या भाजपा सरकार तथ्यों को बदल सकती है?"
गहलोत ने तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के राज में वैज्ञानिकों ने चंद्रयान तक बनाया और इंजीनियरों ने बड़े-बड़े कारखाने, बांध और संस्थान बनाए। हमारी महान नेता इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति तक दे दी। क्या भाजपा सरकार इन तथ्यों को भी बदल सकती है?
पूर्व मुख्यमंत्री का भाजपा सरकार को सुझाव
पूर्व मुख्यमंत्री ने किताबों पर प्रतिबंध लगाकर पैसे की बर्बादी पर भी हमला बोला। उन्होंने सुझाव दिया, "अगर वे एनडीए शासन के बारे में पढ़ाना चाहते हैं, तो 2.50 करोड़ रुपये की किताबें बर्बाद करने से बेहतर है कि अतिरिक्त पृष्ठ छपवाकर स्कूलों को भेजें और उनके योगदान का उल्लेख करें।" उन्होंने पूछा, लेकिन किताबों को बेकार बनाकर जनता का पैसा बर्बाद करना कैसे जायज़ ठहराया जा सकता है?
