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राजस्थान में स्मार्ट मीटर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने उठाया घोटाले का आरोप, ऊर्जा मंत्री ने किया पलटवार

राजस्थान में स्मार्ट मीटर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने उठाया घोटाले का आरोप, ऊर्जा मंत्री ने किया पलटवार
 
राजस्थान में स्मार्ट मीटर पर गरमाई सियासत, कांग्रेस ने उठाया घोटाले का आरोप, ऊर्जा मंत्री ने किया पलटवार

जस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर लगाए जाने की योजना अब सियासी घमासान का रूप ले चुकी है। स्मार्ट मीटर को लेकर जहां कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर बड़े घोटाले की तैयारी का आरोप लगाया है, वहीं राज्य के ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को ही घेरा है।

कांग्रेस का आरोप: 10,000 करोड़ का घोटाला?

कांग्रेस का कहना है कि भाजपा सरकार प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलीभगत कर 10,000 करोड़ रुपये का टेंडर निकालकर बड़ा घोटाला करने की योजना बना रही है। कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया कि नियमों के मुताबिक केवल खराब मीटर को ही बदला जा सकता है, लेकिन वर्तमान में सभी पुराने मीटर बिना कारण हटाए जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डाला जा रहा है और पारदर्शिता की पूरी प्रक्रिया को दरकिनार किया जा रहा है।

राज्य कांग्रेस प्रवक्ताओं ने मांग की है कि पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और स्मार्ट मीटर योजना को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए। पार्टी का दावा है कि आमजन को मीटर बदलने के नाम पर परेशान किया जा रहा है और इसके पीछे सरकारी-निजी गठजोड़ छिपा है।

ऊर्जा मंत्री का जवाब: कांग्रेस की ही योजना है

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, "स्मार्ट मीटर योजना कोई नई नहीं है। इसे कांग्रेस सरकार ने ही शुरू किया था और अब मौजूदा सरकार केवल इसे आगे बढ़ा रही है। कांग्रेस अब सस्ती राजनीति कर रही है, जबकि जब वह सत्ता में थी तो यही योजना उसकी प्राथमिकताओं में थी।"

नागर ने यह भी स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद हैं क्योंकि इससे बिजली की खपत का वास्तविक और सटीक आकलन संभव हो सकेगा, और बिलिंग व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी।

जनता भी उलझन में

इस राजनीतिक रस्साकशी के बीच आम जनता खुद को असमंजस में पा रही है। कुछ इलाकों में उपभोक्ताओं ने स्मार्ट मीटर के बिल को लेकर असंतोष जाहिर किया है और मीटर बदलने के पीछे का तर्क समझ में नहीं आने की बात कही है। कई उपभोक्ताओं का कहना है कि पुराने मीटर ठीक थे, फिर भी उन्हें जबरन बदला जा रहा है।