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जयपुर में कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान पुलिस-कार्यकर्ता में तीखी झड़प, वीडियो में देखें डोटासरा और जूली कई नेता हुए अरेस्ट

जयपुर में कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान पुलिस-कार्यकर्ता में तीखी झड़प, वीडियो में देखें डोटासरा और जूली कई नेता हुए अरेस्ट
 
जयपुर में कांग्रेस प्रदर्शन के दौरान पुलिस-कार्यकर्ता में तीखी झड़प, वीडियो में देखें डोटासरा और जूली कई नेता हुए अरेस्ट

बुधवार को जयपुर में राजस्थान कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की की घटना हुई। प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य बीजेपी मुख्यालय की ओर मार्च करना था, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को रोक दिया।

घटना के दौरान विधायक मनीष यादव बैरिकेड पर चढ़ गए, जिसे रोकने के लिए पुलिस ने उन्हें डंडे से रोका। इस दौरान उनका संतुलन बिगड़ा और वे गिर पड़े। वहीं प्रदर्शन के दौरान महिला कांग्रेस नेता बेहोश हो गईं। भीड़ ने स्थिति को संभालते हुए प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को अपने कंधों पर उठा लिया।

पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में ले लिया। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं, विशेषकर ईडी (एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट) का दुरुपयोग कर विपक्षी नेताओं को राजनीतिक प्रतिशोध के तहत परेशान कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा तीनों जनता के सामने आ गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी भ्रष्टाचार को लेकर विपक्ष पर आरोप लगाती है, लेकिन अगर कोई नेता बीजेपी जॉइन कर लेता है तो उसके सभी दोष माफ कर दिए जाते हैं।

घटना के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्यभर में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। प्रदर्शन का उद्देश्य न केवल बीजेपी मुख्यालय तक मार्च करना था, बल्कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना भी था।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के प्रदर्शनों में अक्सर पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तनाव बढ़ जाता है। राजनीतिक नेतृत्व की सक्रियता और भीड़ का उत्साह मिलकर कभी-कभी हिंसक झड़प का रूप ले लेता है। जयपुर में बुधवार का यह घटनाक्रम इसी प्रकार की स्थिति का उदाहरण है।

राजस्थान कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को राजनीतिक प्रतिशोध और संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का मामला बताया है। पार्टी ने मीडिया और जनता के सामने यह संदेश दिया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई राजनीतिक उद्देश्य से की जा रही है, जो लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों के लिए चिंता का विषय है।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए उन्हें बैरिकेड और हिरासत का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए।

जयपुर में हुए इस विवाद ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया है। आने वाले दिनों में राजस्थान कांग्रेस और बीजेपी के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना है। जनता और फैंस दोनों ही इस मामले पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।