ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में पीएम मोदी का जवाब – "यह संसद का विजयोत्सव सत्र है, आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे"
संसद के मानसून सत्र में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जारी बहस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष को करारा जवाब देते हुए कहा कि वे संसद में भारत का पक्ष रखने आए हैं, लेकिन कुछ लोगों को भारत का पक्ष दिखाई ही नहीं दे रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सत्र सिर्फ बहस का नहीं, बल्कि "विजयोत्सव का सत्र" है, क्योंकि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर अपने दुश्मनों को करारा जवाब दिया है।
पीएम मोदी ने कहा, "मैं 22 अप्रैल को विदेश में ही था, जब मैंने स्पष्ट रूप से कहा था कि मेरा संकल्प है कि हम आतंकियों को मिट्टी में मिला देंगे। मैंने यह भी सार्वजनिक मंच से कहा था कि न केवल आतंकियों को सजा दी जाएगी, बल्कि कल्पना से भी बड़ी सजा दी जाएगी। यह सिर्फ बयान नहीं था, यह भारत की सुरक्षा का संकल्प था।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत लौटने के बाद उन्होंने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों और सेना के साथ बैठक की, जिसमें यह तय किया गया कि आतंकवादियों को सजा देना राष्ट्रीय संकल्प होगा, न कि कोई सीमित प्रतिक्रिया। इसके साथ ही सेना को पूरी छूट दी गई कि वह तय करे कि कब, कहां और कैसे इस सजा को अंजाम देना है।
उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर, आतंक के खिलाफ भारत की रणनीतिक और सैन्य क्षमता का प्रमाण है। "हमारी सेना ने जिस साहस, योजना और निर्णायक नेतृत्व के साथ यह ऑपरेशन किया, वह पूरे देश को गौरवान्वित करता है," पीएम मोदी ने कहा।
विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, एकता और राष्ट्रहित में खड़े होने का है। उन्होंने विपक्ष पर परोक्ष हमला करते हुए कहा कि "कुछ लोगों को भारत की विजय भी खटकती है। उन्हें हर बात में साजिश, राजनीति और दोष नजर आता है, लेकिन उन्हें देश की सेना का शौर्य नहीं दिखता।"
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में इस बात पर भी जोर दिया कि भारत अब नई नीति और नए दृष्टिकोण के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है। उन्होंने कहा, "आज का भारत पहले की तरह सीमित नहीं सोचता। आज का भारत जवाब भी देता है, और समय व स्थान भी खुद तय करता है।"
पीएम मोदी के इस भाषण के बाद सत्ता पक्ष के सांसदों ने मेजें थपथपाकर स्वागत किया, वहीं विपक्षी खेमे में हलचल देखने को मिली। लेकिन एक बात साफ थी—ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रधानमंत्री का रुख पूरी तरह स्पष्ट और सख्त था। उन्होंने न सिर्फ आतंकी ताकतों को चेताया, बल्कि यह भी जता दिया कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा, बल्कि हर हमले का जवाब दो गुना ताकत से देगा।
इस ऐतिहासिक सत्र को पीएम मोदी ने ‘विजयोत्सव का सत्र’ कहकर जो परिभाषा दी, वह आने वाले समय में भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टिकोण को दर्शाती है।
