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Jaipur ​​​​​​​ रातभर किया जागरण, अलसुबह ही जलाशयों में जुटे लोग

 
सूर्य उपासना के महापर्व डाला छठ पर आज त्यागी व्रतियों ने उगते सूरज को अर्घ्य अर्पित किया। ग

जयपुर न्यूज़ डेस्क, सूर्य उपासना के महापर्व छठ के मौके पर आज तारा व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. झिलाला तीर्थ समेत शहर के कई स्थानों पर बिहार समाजबंधन व उत्तरांचल के श्रद्धालुओं ने उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया. इस दौरान झील तीर्थ, कानोता बांध, किशनबाग व दुर्गा कॉलोनी आदि स्थानों पर मेले लगे, महिलाओं ने विश्राम व भजनों के माध्यम से छठ मैया व सूर्य देव की स्तुति की। इससे पहले रात में आमसभा का आयोजन किया गया. इसके साथ ही छठ पर्व की रूपरेखा भी शामिल की गई.


तीर्थनगरी में पीठाधीश्वर स्वामी अविनाशाचार्य के सानिध्य में मेले का आयोजन किया गया। लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया. सूरज उगने से पहले ही डूबा हुआ नाला तालाब तक पहुंच गया। सूर्य उदय का इंतजार करते हुए छठ मैया और सूर्य देव के गीत गाएं। सूर्योदय होते ही दूसरा अर्घ्य निर्विघ्न होता है। इससे पहले समाजबंधु रातभर लीला तीर्थ में धर्माचरण करते रहे। रात्रि में यहां उत्सव एवं भक्ति संगीत का आयोजन किया गया। इसी तरह का रात्रि जागरण किशनबाग और शास्त्रीनगर की दुर्गा कॉलोनी में भी हुआ, जहां गंगा माता, काली माता और हनुमानजी का विशेष शृंगार किया गया। यहां बनाए गए कृत्रिम संस्थान में वेश्या उगते सूर्य को जल अर्पित करती थी।

किसी को प्रोत्साहित करने की परंपरा भी साकार हुई
बैसाखी के दिन उगते सूर्य को दूसरा अर्घ्य बांस की टोकरी में रखकर प्रसाद के रूप में आम, ठेकुआ, भोजनालय, गागर (बड़ा नींबू), डिब्बा, सेव, केला, हल्दी, अदरक, मूली, नारियल, केराव, पान, सुपारी और मिठाई दी जाती है। . इससे पहले रात को कोसी निंदा की परंपरा का भी एहसास हुआ, जिसमें मिट्टी के हाथी और कलश के सामने पंचमुखी दीपक जलाये गये, महिलाओं ने छठ माता की स्तुति गायी.

 
बिहार समाज संगठन के महासचिव सुरेश पंडित ने कहा कि किशन बाग, हसनपुरा के दुर्गा एक्सटेंशन कॉलोनी, दिल्ली रोड, प्रताप नगर, ग्रामीण नगर, रॉयल सिटी माचवा, मुरलीपुरा, आदर्श नगर, मद्रास, जवाहर नगर, निवारू रोड, लक्ष्मी नगर झोटवे, कानोता. आमेर रोड, सोडाला, अजमेर रोड, हीरापुरा पावर हाउस, सिविल लायंस, गुर्जर की थड़ी, आकेड़ा डोंगर में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया गया।