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राजस्थान में RGHS योजना के घोटाले के चलते मरीजों को भुगतना पड़ रहा अंजाम, भुगतान अटका, इलाज पर भी रोक

राजस्थान में RGHS योजना के घोटाले के चलते मरीजों को भुगतना पड़ रहा अंजाम, भुगतान अटका, इलाज पर भी रोक
 
राजस्थान में RGHS योजना के घोटाले के चलते मरीजों को भुगतना पड़ रहा अंजाम, भुगतान अटका, इलाज पर भी रोक

राजस्थान में राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) में पंजीकृत अस्पतालों और दवा दुकानों में अनियमितताओं के खुलासे और कार्रवाई के बावजूद मरीजों की परेशानी जस की तस बनी हुई है। कई दवा विक्रेताओं ने दिसंबर 2024 के बाद भुगतान नहीं होने के कारण मरीजों को दवाइयां उपलब्ध कराना बंद कर दिया है। जानकारी के अनुसार आरजीएचएस दवाइयां उपलब्ध कराने वाले निजी दवा विक्रेताओं पर करीब 300 करोड़ रुपए बकाया है। विक्रेताओं का कहना है कि वित्त विभाग 21 दिन में भुगतान की शर्त का पालन नहीं कर रहा है। ऐसे में निजी दवा विक्रेताओं के लिए बिना भुगतान के दवाइयां उपलब्ध कराना संभव नहीं है।

गंभीर मरीजों को भी नहीं मिली दवा
योजना के तहत निजी अस्पतालों में इलाज में भी मुश्किलें बढ़ रही हैं। कैंसर रोगी के परिजन मोहित ने बताया कि इस योजना के तहत उनके मरीज की निजी अस्पताल में कीमोथेरेपी चल रही है, लेकिन दो बार जाने के बावजूद उनकी थेरेपी नहीं हुई। कई मरीजों के प्रतिपूर्ति बिलों का भी अभी तक निपटान नहीं हुआ है। गौरतलब है कि इस योजना के लाभार्थी सरकारी कर्मचारी, पेंशनर्स और उनके परिजन हैं। एक पेंशनर ने बताया कि डॉक्टर द्वारा लिखी गई आधी दवाइयां आरजीएचएस स्टोर पर नहीं मिलती, जिन्हें पैसे देकर खरीदना पड़ता है।

बिना विशेषज्ञता के दवाइयां लिख रहे
सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को संस्था द्वारा अनुमोदित आपातकालीन औषधि सूची (ईडीएल) दवाओं के अलावा उच्च संस्थानों के लिए अनुमोदित दवाएं भी बिना किसी जांच के और संबंधित रोग का विषय विशेषज्ञ न होने के बावजूद लिखी जा रही हैं। इस संबंध में संचालक जनस्वास्थ्य द्वारा राज्य के सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र लिखकर चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने कहा है कि अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना और आरजीएचएस योजना द्वारा जारी निर्देशों की पालना सुनिश्चित करें।

दवा विक्रेताओं ने कहा... गड़बड़ी करने वालों का भुगतान रोकें
दवा विक्रेताओं का कहना है कि वित्त विभाग को योजना को सुदृढ़ बनाने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए, गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और उनका भुगतान भी रोकना चाहिए, लेकिन इसकी आड़ में सभी विक्रेताओं को महीनों से परेशान किया जा रहा है। विभाग ने करीब 100 दवा विक्रेताओं को नोटिस दिए हैं। इनका भुगतान रोका जाए और बाकी भुगतान तत्काल जारी किया जाए।

दवा विक्रेता लालच में नहीं, नियमों के अनुसार काम करें: वित्त विभाग
वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अवैध और नियमों के विरुद्ध दवा आपूर्ति करने वालों के भुगतान की अभी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद ही सब कुछ स्पष्ट हो पाएगा। विभाग ने दवा विक्रेताओं को लालच में न आकर नियमों के अनुसार दवा वितरण करने की सलाह दी है।