भारत-पाक विवाद के बाद जैसलमेर में बैन हुई पाकिस्तानी सिम, वीडियो में जानें सुरक्षा के लिऐ कलेक्टर ने जारी किया आदेश
सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर के बाद अब जैसलमेर में भी पाकिस्तानी लोकल सिम कार्ड्स के उपयोग पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गई है। जैसलमेर के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए यह सख्त आदेश जारी किया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सीमा क्षेत्र में किसी भी नागरिक द्वारा पाकिस्तानी सिम का उपयोग पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान के कई सीमावर्ती इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की सीमाएं पाकिस्तान की सीमा में पहुंच जाती हैं, जिससे अक्सर यहां पाकिस्तानी नेटवर्क अपने आप पकड़ में आ जाते हैं। कई बार सस्ता डाटा और नेटवर्क की मजबूती के लालच में स्थानीय लोग पाकिस्तानी सिम का इस्तेमाल करने लगते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा बन सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि
कलेक्टर प्रताप सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तानी सिम कार्ड्स का उपयोग जासूसी और संवेदनशील सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए किया जा सकता है। ऐसी गतिविधियाँ देश की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा पैदा करती हैं। इस खतरे को भांपते हुए जैसलमेर प्रशासन ने यह सख्त कदम उठाया है।
जिला प्रशासन ने पुलिस, इंटेलिजेंस एजेंसियों और टेलीकॉम विभाग को निर्देश दिए हैं कि वे सीमावर्ती गांवों और कस्बों में मोबाइल उपयोगकर्ताओं की निगरानी बढ़ाएं और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान की टेलीकॉम सेवाओं का लाभ न उठा सके।
पहले श्रीगंगानगर में लगा था प्रतिबंध
इससे पहले श्रीगंगानगर प्रशासन ने भी कुछ दिनों पहले ऐसा ही आदेश जारी किया था, जिसके तहत जिले में पाकिस्तानी सिम के उपयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी। इस आदेश के बाद जैसलमेर में भी यह कार्रवाई की गई है, जो पाकिस्तान से लगते राजस्थान के सबसे संवेदनशील जिलों में से एक माना जाता है।
जनता से अपील
प्रशासन ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी विदेशी नेटवर्क या सिम कार्ड के लालच में न आएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन को दें। साथ ही दुकानदारों और मोबाइल रिपेयर सेंटरों को भी चेतावनी दी गई है कि यदि उनके पास ऐसे सिम या डिवाइस पाए गए जो विदेशी नेटवर्क से जुड़े हैं, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
