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राजस्थान-गुजरात सीमा पर पाकिस्तान ने दागे 500 से ज्यादा ड्रोन, भारत के सुदर्शन की लोकेशन जानना था उद्देश्य

राजस्थान-गुजरात सीमा पर पाकिस्तान ने दागे 500 से ज्यादा ड्रोन, भारत के सुदर्शन की लोकेशन जानना था उद्देश्य
 
राजस्थान-गुजरात सीमा पर पाकिस्तान ने दागे 500 से ज्यादा ड्रोन, भारत के सुदर्शन की लोकेशन जानना था उद्देश्य

भारत ने 6 मई को पाकिस्तान के अंदर आतंकी शिविरों पर हमला किया था, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए थे। इसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7 मई की रात से ही यूएसवी, ड्रोन और मिसाइलों से भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की। लेकिन, इसमें सबसे खास बात यह रही कि पाकिस्तानी सेना का मुख्य लक्ष्य भारत के एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 'सुदर्शन चक्र' की लोकेशन का पता लगाकर उसे नष्ट करना था। इसके लिए पश्चिमी राजस्थान और गुजरात में कई जगहों पर लो लेवल ड्रोन और यूएवी से हमले की कोशिश की गई।

बीकानेर के नाल, फलौदी, पोखरण, जैसलमेर, उत्तरलाई, बाड़मेर के जालीपा और गुजरात के भुज और नलिया को भी निशाना बनाया गया। भारतीय सेना ने इसे नाकाम कर दिया। पाकिस्तानी ड्रोन और यूएवी को मार गिराने में शिल्का और एल 70 हथियार सबसे आगे रहे। ये दोनों ही एंटी ड्रोन, एंटी एयरक्राफ्ट हथियार हैं। पाकिस्तान जहां हमारे मुख्य एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 की लोकेशन का पता नहीं लगा पाया, वहीं भारत ने पाकिस्तान के पूरे डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया। अब इन्हें फिर से चालू करना भी मुश्किल है। इसके बाद भी जब पाकिस्तान ने ड्रोन लॉन्च करना जारी रखा तो भारत ने बड़ा हमला कर उनके सभी मुख्य एयरबेस तबाह कर दिए।

सेना प्रमुख ने खुद पश्चिमी सीमा पर तैयारियों का निरीक्षण किया, कमांडरों को खुली छूट दी

पाकिस्तान ने 2000 फीट तक उड़ने वाले ड्रोन का इस्तेमाल कियाः पाकिस्तान ने राजस्थान से सटी सीमा के पास 300 से 400 किलोमीटर के दायरे में शहरों में स्थित सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के लिए निचले स्तर पर हवाई हमला किया। इसके लिए 500 से अधिक तुर्की निर्मित सोंगर ड्रोन, चीनी यूएवी और छोटी मिसाइलें दागी गईं। इनकी ऊंचाई दो हजार फीट तक थी। इनका मुख्य उद्देश्य इन्हें नष्ट करने वाले एयर सिस्टम के सिग्नेचर का पता लगाना और बड़ी मिसाइल दागकर उसे तुरंत नष्ट करना था। लगातार प्रयासों के बावजूद पाकिस्तान इसमें सफल नहीं हो सका। हमारे स्वदेशी एल-70 और शिल्का एंटी गन और ड्रोन सिस्टम ने पाकिस्तानी योजना को विफल कर दिया।

इन दो हथियारों ने पाकिस्तान की सारी कोशिशों पर पानी फेर दिया

शिल्का सोवियत निर्मित स्व-चालित एंटी एयरक्राफ्ट गन है। इसमें 23 एमएम की चार तोपें लगी हैं। यह भारतीय सेना की कम ऊंचाई वाली रक्षा का अहम हिस्सा है। इसकी रेंज 2.5 किमी है। यह हेलीकॉप्टर, ड्रोन और कम ऊंचाई पर उड़ने वाले विमानों को निशाना बना सकती है। यह तोप प्रति मिनट 4000 राउंड फायर कर सकती है। एल-70 स्वीडन में बनी 40 एमएम की एंटी एयरक्राफ्ट गन है, जिसे भारत ने जबलपुर स्थित फैक्ट्री में अपग्रेड किया है। 1971 के युद्ध में इस तोप ने निर्णायक भूमिका निभाई थी। यह थलसेना और वायुसेना की रक्षा प्रणाली का हिस्सा है। इसकी रेंज 4 किमी तक है। यह किसी भी ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कम ऊंचाई वाले विमान को आसानी से निशाना बना लेती है। यह रडार आधारित फायर कंट्रोल सिस्टम से लैस है। पाकिस्तान को संभलने में बहुत समय लगेगा

"एयर डिफेंस सिस्टम रक्षा नीति का अहम हिस्सा है। यह पहले हमले से बचाता है। पाकिस्तान ने कई बार अपने ड्रोन के झुंड भेजकर भारत के एयर डिफेंस ढांचे की टोह लेने की कोशिश की है, ताकि वह इस सिस्टम को निष्क्रिय कर सके। इसके बाद उसके बड़े लड़ाकू विमान आसानी से सीमा पार कर भारत पर हमला कर सकते थे। लेकिन, भारत ने बहुत ही सुनियोजित तरीके से जवाबी कार्रवाई की और उसके सभी ड्रोन, क्वाड कॉप्टर आदि को मार गिराया और उसकी सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया। साथ ही, भारत के एयर स्ट्राइक ने पाकिस्तान की वायुसेना को बहुत गहरा झटका दिया है। दुनिया के इतिहास में किसी परमाणु शक्ति संपन्न देश के अंदर घुसकर वायुसेना पर ऐसा हमला कभी नहीं हुआ।"

भारतीय वायुसेना ने नूरखान एयरबेस पर सटीक हमला किया है। वायुसेना के सटीक हमले से यहां मौजूद इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्राउंड सपोर्ट व्हीकल्स को नुकसान पहुंचा है।भोलारी एयरबेस, जो सिंध प्रांत में कराची के पास है। यहां हवाई हमले की वजह से एक हैंगर को गंभीर नुकसान पहुंचा है। रनवे को भी नुकसान पहुंचा है। अब इसे चालू होने में काफी समय लगेगा, यानी पश्चिमी सीमा पर यहां से विमान उड़ान नहीं भर पाएंगे।सरगोधा एयरबेस पर भारतीय मिसाइलों ने काफी तबाही मचाई। यहां हवाई हमले की वजह से एयरबेस का रनवे दो जगहों पर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इसमें बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिसकी वजह से विमानों का उड़ना संभव नहीं है।

जैकबाबाद एयरबेस: हमारी वायुसेना की स्ट्राइक के बाद इमारतें और कई संपत्तियां नष्ट हो गईं। इस बेस का मुख्य एप्रन यानी पार्किंग एरिया और एक हैंगर हमले की वजह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यहां एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) बिल्डिंग को नुकसान पहुंचा है।